जयपुर: नाकाबिल आईपीएस अफसरों पर गिरेगी गाज, जल्द होगी छंटनी
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जयपुर: नाकाबिल आईपीएस अफसरों पर गिरेगी गाज, जल्द होगी छंटनी

अफसरों पर कार्रवाई के लिए 13 नवंबर को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समीक्षा की जाएगी.

प्रतीकात्मक तस्वीर

विष्णु शर्मा, जयपुर : राजधानी के लापरवाह अफसरों के लिए बुरी खबर है. जल्द ही जयपुर (Jaipur) के नाकाबिल आईपीएस अफसरों (IPS Officers) पर गाज गिरेगी. जानकारी के मुताबिक, कंपलसरी रिटायरमेंट के लिए जल्द ही ऐसे अफसरों की छंटनी की जाएगी. इसके चलते प्रदेश के सभी कामचोर आईपीएस ऑफिसर्स नपेंगे. ऐसे अफसरों की छंटनी के लिए सरकार ने आईपीएस रिव्यू का मानस बना लिया है.

ऐसे अफसरों पर कार्रवाई के लिए 13 नवंबर को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समीक्षा की जाएगी. इसमें एसीएस होम, डीजीपी, गुजरात डीजी क्राइम समेत अन्य अधिकारी शामिल होंगे.

कमेटी में आईएएस कुंजीलाल मीणा भी शामिल होंगे. इस बैठक तय किया जाएगा कि किन नाकारा आईपीएस ऑफिसर्स की छंटनी की जानी है. ये समीक्षा बैठक ऑल इंडिया सर्विस रूल्स 1958 के तहत की जाएगी. 

सरकार ने नाकाबिल आईपीएस अफसरों को कम्पसरी रिटायरमेंट देने की तैयारी कर ली है. मुख्य सचिव डीबी गुप्ता की अध्यक्षता में कमेटी बैठेगी, जो ऐसे नाकाबिल अफसरों के नामों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए छंटनी करेगी.

जानकारी के अनुसार, राजस्थान पुलिस में कार्यरत आईपीएस अफसरों के लिए बेहद अहम खबर है. प्रदेश के कामचोर आईपीएस ऑफिसर्स नपेंगे. सरकार ने आईपीएस रिव्यू का मानस बनाया है. इसके तहत मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी इन अफसरों का नाम छांटेंगी. राज्य के कार्मिक विभाग ने आईपीएस अफसरों के कामकाज के रिव्यू के लिए कमेटी गठित कर रखी है. कमेटी की 13 नवम्बर को मुख्य सचिव के चैम्बर में सुबह 11 बजे बैठक रखी गई है. कमेटी आईपीएस अफसरों की उपयुक्तता की पड़ताल करेगी. खरे नहीं पाए जाने पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए उनके नामों की छंटनी करेगी.

सूत्रों का कहना है कि पिछले दिनों केंद्र सरकार ने देशभर में नाकाबिल आईपीएस अफसरों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देना तय किया था. इसके तहत राज्य सरकारों को भी ऐसे अफसरों की छंटनी करने के लिए निर्देश दिए थे. 

इसके तहत ही राजस्थान में भी कमेटी गठित की गई है. कमेटी की अभिशंषा पर नाकाबिल अफसरों के नाम केंद्रीय गृहमंत्रालय को भिजवाए जाएंगे. वहां से उनकी अनिवार्य सेवानिवृत्ति पर फैसला होगा.

इस नियम के तहत कार्रवाई
ऑल इंडिया सर्विस रूल्स 1958 के नियम 16(3) के तहत आईपीएस अफसरों की उपयुक्तता की समीक्षा की जा रही है. डीओपी के संयुक्त सचिव आशीष मोदी की ओर से मीटिंग नोट जारी किया गया है. नियम के अनुसार सरकार को आईपीएस की कार्य क्षमता के अनुसार उनकी उपयुक्तता जांचने का अधिकार है. कार्य के प्रति उपयुक्त नहीं पाए जाने पर ऐसे अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जा सकती है.

तीन महीने का नोटिस
रिटायर किए जाने वाले आईपीएस को सरकार तीन महीने का नोटिस देगी. नियम के अनुसार सरकार लोकहित में ऐसा कदम उठा सकती है. रिटायर किए जाने वाले आईपीस का पूरा सर्विस रिकॉर्ड देखा जाएगा. इसके बाद ही कमेटी अपनी अनुशंषा राज्य सरकार को भेजेगी. राज्य सरकार की सलाह पर केंद्र सरकार आईपीएस के खिलाफ कार्रवाई करेगी.

पहले भी कर चुके अनिवार्य रिटायर
राज्य में सीनियर आईपीएस इंदूभूषण को अप्रैल 2018 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बर्खास्त कर दिया है. इंदूभूषण अपने कार्यकाल के दौरान कई बार विवादों में रहे थे. इंदूभूषण को भी मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी में अनुशंषा की गई थी.

कमेटी में ये होंगे शामिल
मुख्य सचिव डीबी गुप्ता की अध्यक्षता में गठित कमेटी रिव्यू करेगी. कमेटी में गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव स्वरूप, राजस्थान पुलिस के महानिदेशक डा़ॅ भूपेंद्र सिंह यादव, गुजरात पुलिस के महानिदेशक सीआईडी क्राइम एवं रेलवे आशीष भाटिया और राज्य ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव कुंजीलाल मीणा कमेटी में शामिल है.

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