अक्षय पात्र फाउंडेशन द्वारा परोसे जाने वाले सात्विक मिड डे मील में लहसुन और प्याज डालने के राज्य सरकार के निर्देश के बाद विवाद पैदा हो गया है.
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बेंगलुरूः कर्नाटक में स्कूली बच्चों को अक्षय पात्र फाउंडेशन द्वारा परोसे जाने वाले सात्विक मिड डे मील में लहसुन और प्याज डालने के राज्य सरकार के निर्देश के बाद विवाद पैदा हो गया है. आध्यात्मिक संगठन इस्कॉन की शाखा अक्षय पात्र देश में 16 लाख बच्चों को सात्विक भोजन उपलब्ध कर रही है, जिनमें इस संस्था के सिद्धांतों के अनुरूप प्याज और लहसुन नहीं डाला जाता है.
फाउंडेशन के न्यासी और इंफोसिस के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मोहनदास पई ने आरोप लगाया है कि कुछ सरकारी अधिकारी निहित स्वार्थों के प्रभाव में आकर व्यंजन सूची में प्याज और लहसुन डलवाने की शरारत कर रहे हैं.
पई ने कहा, 'अक्षय पात्र फाउंडेशन केंद्र सरकार के मानकों के मुताबिक मिड डे मील उपलब्ध करा रहा है. अब कुछ अधिकारी निहित स्वार्थों के प्रभाव में आ कर शरारत कर रहे हैं, जिसकी वजह सबको पता है.'
उन्होंने इस मुद्दे को हल करने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी से हस्तक्षेप की मांग की है.
मिड डे मील कार्यक्रम से जुड़े एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि राज्य खाद्य आयोग के अधिकारियों ने विभिन्न स्कूलों का दौरा किया और बच्चों को परोसे जाने वाले भोजन को अधिक स्वादिष्ट बनाने के लिए उनमें प्याज एवं लहसुन डालने का सुझाव दिया.
अधिकारी ने बताया, 'आयोग ने हमसे यह सिफारिश की और इसलिए हमने फाउंडेशन को एक नोटिस भेजा. हम उनके जवाब का इंतजार कर रहे हैं.'
अक्षय पात्र फाउंडेशन के सहयोगी कुलश्रेष्ठ चैतन्य दास ने बताया कि फाउंडेशन को सरकार से एक नोटिस मिला है जिसमें कर्नाटक खाद्य आयोग द्वारा बताई गई व्यंजन सूची का पालन करने को कहा गया है.
इस निर्देश के मद्देनजर फाउंडेशन ने 2018-19 के लिए राज्य सरकार के साथ सालाना सहमति पत्र (एमओयू) पर अब तक हस्ताक्षर नहीं किया है. कर्नाटक में 4.43 लाख बच्चों को इसके तहत भोजन मुहैया किया जाना है.
फाउंडेशन के रणनीतिक संचार एवं परियोजना प्रमुख नवीन एन दास ने कहा कि अक्षय पात्र स्कूली बच्चों को रोजाना गुणवत्तापूर्ण, स्वास्थ्यकर और पोषक भोजन देने के लिए प्रतिबद्ध है.
इस बीच, भाजपा नेता एवं अदाकारा मालविका अविनाश ने प्याज और लहसुन डालने के सरकार के निर्देश की आलोचना करते हुए कहा कि यह एक अवांछित, हैरान करने वाला और आपत्तिजनक हस्तक्षेप है.
(इनपुटः भाषा)