अमरनाथ यात्राः श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए आधुनिक तकनीक का लिया जा रहा है सहारा
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अमरनाथ यात्राः श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए आधुनिक तकनीक का लिया जा रहा है सहारा

जम्मू से रवाना हुआ 2234 यात्रियों का पहला जत्था 93 गाड़ियों में सवार होकर कश्मीर पहुंचा. इनमें से आधे बलटाल और पहलगाम के बेस कैंप में पहुंचे. 

अमरनाथ यात्राः श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए आधुनिक तकनीक का लिया जा रहा है सहारा

श्रीनगरः जम्मू-कश्मीर में आतंकी खतरे को देखते हुए यात्रा के लिए की गई कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच आज से वार्षिक अमरनाथ यात्रा शुरू हो चुकी है, 2234 यात्रियों का पहला जत्था आज कश्मीर पहुंचा. यात्रा में गड़बड़ी करने के किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए लगभग 60 हजार सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है. दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पवित्र गुफा में 46 दिन तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा में आज पहले दिन हज़ारों भक्तों की भीड़ उमड़ेगी.  

जम्मू से रवाना हुआ 2234 यात्रियों का पहला जत्था 93 गाड़ियों में सवार होकर कश्मीर पहुंचा. इनमें से आधे बलटाल और पहलगाम के बेस कैंप में पहुंचे. इस यात्रा में पहलगाम जोकि पारम्परिक रास्ता है उसके नूनवन बेस कैम्प में आज शाम जहां क़रीब 22 भंडारे लगे हैं इन यात्रियों ने विश्राम किया.

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यात्रा की शुरुआत पारम्परिक सुख मंगल आरती से की गई जहां भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना की गई और यह मनोकामना रही कि यह यात्रा सब के लिए सुख मंगल और शांति लाए. 

यात्रा में आतंकवादियों द्वारा किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए फुलप्रूफ व्यवस्था की गई है.भारतीय सेना, सीआरपीएफ, बीएसएफ और अन्य अर्धसैनिक बल राष्ट्रीय राजमार्ग पर तैनात हैं, तीर्थयात्रा के लिए सुरक्षा और आनी सबी ज़रूरी व्यवस्था करने के लिए गृह मंत्री अमित शाह द्वारा दिए गए सख़्त निर्देश के कारण प्रशासन एक दम चुस्त और सतर्क है.

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इस साल जो अलग दिख रहा है वह है आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल. लगभग हर कोने और गली में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. आधुनिक बुलेटप्रूफ वाहनों को भी सरकार के निर्देश पर घाटी में भेजा गया है. घने जंगलों की निगरानी करने के लिए ड्रोन को भी सेवा भी ली हंस रही है जिसका उपयोग आतंकवादियों को इन जंगलों में ढूंढने के लिए किया जा सकता है.

दिलीप सिंह डीआईजी सीआरपीएफ ने बताया. 'यात्रा के लिए, हमने सुरक्षा के सभी इंतजाम किए हैं. तीर्थयात्री उत्साह के साथ यहां आ रहे हैं और सरकार ने सुरक्षित यात्रा के लिए सभी आवश्यक इंतजाम किए हैं,' सरकार को नवीनतम तकनीकों और गैजेट्स के उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए है. इलेक्ट्रॉनिक चिप्स लगी यात्री गाड़ियों की हर मूव्मेंट का पता लगाया जा सकता है. इससे प्रशासन हर वाहन की रखने रख सकता है और अपंजीकृत तीर्थयात्रियों को रोकने में भी मदद मिलेगी.

पहलगाम पहुंचे यात्रियों ने यात्रा व्यवस्था से पूरी संतुष्टि जताई और मोदी और अमित शाह की तारीफ़ की. एक यात्री ने कहा “ कुछ दिन पहले अमित शाह यहां आए उसे बहुत फर्क पड़ा है, सेना चप्पे चप्पे पर है कोई डर नहीं.”एक और यात्री ने कहा “सुरक्षा व्यवस्था बहुत अच्छी है, हम बिल्कुल भी चिंतित नहीं हैं.“एक यात्री ने कहा, 'हम सिरसा से क़रीब 730 किलॉमेटर दूर से माइटर साइकल पर बाबा के दर्शनों के लिए आए हैं.'

वही श्रीनगर में फ़्लाइओवर का उद्घाटन करने के बाद राज्यपाल सत्यपाल मालिक ने कहा यह यात्रा सेना या पुलिस से नहीं बल्कि कश्मीर के मुसलमान से चलती है. मालिक ने कहा “ सरकार सुरक्षा प्रधान करती मगर यात्रा को जम्मू कश्मीर ख़ास कर यहां के मुसलमान के सहयोग से चलते हैं और अगर हम सब मिलकर काम करेंगे तो यात्रा हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी सफल रहेगी.” 

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