PoK में शारदा मंदिर को पुन: खोलने के लिए वार्षिक तीर्थयात्रा शुरू
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PoK में शारदा मंदिर को पुन: खोलने के लिए वार्षिक तीर्थयात्रा शुरू

शारदा गांव में स्थित शारदा पीठ नियंत्रण रेखा के पास पीओके में नीलम नदी के किनारे स्थित है. 

प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

जम्मू: कश्मीरी हिंदुओं का प्रतिनिधित्व कर रही ऑल पार्टी माइग्रेंट कॉर्डिनेशन कमेटी (एपीएमसीसी) ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में प्राचीन शारदा मंदिर के फिर से खुलने की प्रार्थना के लिए कश्मीर के टीटवाल गांव में किशनगंगा के तट तक कलश यात्रा शुरू की है. शारदा गांव में स्थित शारदा पीठ नियंत्रण रेखा के पास पीओके में नीलम नदी के किनारे स्थित है. यह नालंदा और तक्षशिला की तरह ही अध्ययन का प्राचीन केंद्र रहा है. हरमुख गंगा (गंगबाल) ट्रस्ट के सहयोग से एपीएमसीसी ने श्रीनगर से करीब 186 किलोमीटर दूर टीटवाल गांव में इस रस्म को अदा किया. 1947 के बाद पहली बार ऐसा किया जा रहा है. 

भारत और पाकिस्तान की सरकारों से की अपील
कलश यात्रा श्रीनगर से शुरू हुई और संगरामा, सोपोर, कुपवाड़ा, त्रेहगाम, क्रालपोरा, चौकी बाल, साधना टॉप, तंगदार, चामकूट, चित्रकूट, सिख ब्रिज, ड्रिंगला से होते हुए टीटवाल किशनगंगा पहुंची जिसे तीरथ मल कहा जाता है. एपीएमसीसी के अध्यक्ष विनोद पंडित ने भारत और पाकिस्तान की सरकारों से शारदा मंदिर को जल्द फिर से खोलने की अपील की. संगठन 2004 से प्राचीन शारदा मंदिर को खोलने के लिए आंदोलन चला रहा है. गौरतलब है कि शारदा मंदिर नियंत्रण रेखा के पास पीओके में नीलम नदी के किनारे स्थित है.

(इनपुट भाषा से)

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