असम के राज्यपाल बोले, 'सभी राज्यों में होना चाहिए NRC, आंतरिक सुरक्षा अच्छी होगी'
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असम के राज्यपाल बोले, 'सभी राज्यों में होना चाहिए NRC, आंतरिक सुरक्षा अच्छी होगी'

 असम के राज्यपाल जगदीश मुखी ने कहा, ‘केंद्र सरकार और सभी राज्य सरकारों को यह जानने का हक है कि उनके इलाके में कौन विदेशी अवैध तरीके से रह रहे हैं.’

असम के राज्यपाल जगदीश मुखी (फाइल फोटो साभार - @jagdishmukhi)

गुवाहाटी: असम के राज्यपाल जगदीश मुखी ने शनिवार को कहा कि हर राज्य में एनआरसी जरूर होना चाहिए और इसे नियमित रूप से अद्यतन किया जाना चाहिए, क्योंकि यह देश की आंतरिक सुरक्षा से संबंधित मुद्दों से निपटने में प्रभावकारी होगा. मुखी ने कहा कि एनआरसी सिर्फ असम में नहीं होना चाहिए, बल्कि देश के हर राज्य के लिए होना चाहिए.

उनका बयान असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का अंतिम मसौदा जारी किए जाने के बाद छिड़ी बहस के बीच आया है. असम में एनआरसी के अंतिम मसौदे में 40 लाख लोगों के नाम शामिल नहीं हो पाए हैं.

NRC का अंतिम मसौदा प्रकाशित किया जाना ‘ऐतिहासिक घटना’
मुखी ने कहा कि 30 जुलाई को एनआरसी का अंतिम मसौदा प्रकाशित किया जाना ‘ऐतिहासिक घटना’ है. उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि देश में हर राज्य का अपना एनआरसी होना चाहिए. सभी राज्यों द्वारा इसे तैयार किया जाना चाहिये और जनगणना रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद हर दस साल बाद इसे अद्यतन किया जाना चाहिए.’ उन्होंने कहा, ‘अगर इसे किया जाता है तो देश की आंतरिक सुरक्षा अच्छी होगी.’ 

जगदीश मुखी ने कहा, ‘केंद्र सरकार और सभी राज्य सरकारों को यह जानने का हक है कि उनके इलाके में कौन विदेशी अवैध तरीके से रह रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि एनआरसी का अंतिम मसौदा जाति या मजहब को इसमें लाए बिना पारदर्शी प्रक्रिया के जरिए तैयार किया गया है. उन्होंने कहा,‘यह भारतीय बनाम विदेशी का मुद्दा है और असम में एनआरसी असम समझौते के अनुसार है.’ 

'अंतिम NRC में एक भी भारतीय का नाम नहीं छोड़ा जाएगा'
उन्होंने कहा, ‘अंतिम एनआरसी में एक भी भारतीय का नाम नहीं छोड़ा जाएगा.’ मुखी ने कहा, ‘निश्चित तौर पर उनके नाम सूची में होंगे.’ उन्होंने कहा, ‘जिनके नाम छूट गए हैं, उन्हें चिंतित होने की जरूरत नहीं है. उन्हें अपनी नागरिकता साबित करने का मौका दिया जाएगा.’  जगदीश मुखी ने कहा कि प्रक्रिया पहले ही चल रही है, जिसके तहत लोगों को बताया जाएगा कि क्यों उनके नाम मसौदा एनआरसी में शामिल नहीं किये गए हैं.

मुखी ने कहा कि जिन लोगों के नाम अंतिम मसौदे में नहीं हैं उन्हें अपनी नागरिकता का दावा करने के लिए विशेष प्रारूप जारी किया जाएगा और उचित दस्तावेज पेश करके अपने नाम को शामिल करने के लिए फिर से दावा करने के लिए 30 अगस्त से 28 सितंबर तक लगभग एक माह का समय दिया गया है.

(इनपुट - भाषा)

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