औरैया में हुए भीषण सड़क हादसे का शिकार हुए 26 लोगों में केदार यादव भी था. केदार की मौत की खबर सुनने के बाद से ही उसकी मां का हाल बेहाल है.
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गौरव श्रीवास्तव, औरैया: अपनों से बिछड़ जाने का गम क्या होता है यह उनसे पूछो जिसने अपनो को खोया है. आज अपने बेटे की सफेद कपड़ो में लाश देखकर एक मां का रो-रो कर बुरा हाल है. वैसे तो उसे इंतजार था अपने जिगर के टुकड़े को घर आने का, लेकिन उसे क्या पता था कि आज उस कलेजे के टुकड़े का सफर अधूरा रह जाएगा और अपने बेटे का इंतजार कर रही मां को अधूरे सफर में मिलेगी उसकी लाश.
औरैया में हुए भीषण सड़क हादसे का शिकार हुए 26 लोगों में केदार यादव भी था. केदार की मौत की खबर सुनने के बाद से ही उसकी मां का हाल बेहाल है. मृतक केदार घर का बड़ा बेटा था. उसके कंधे पर परिवार की जिम्मेदारी थी. केदार की पिछले साल शादी होने के बाद यह जिम्मेदारी और भी बढ़ गई थी. इस बढ़ी हुई जिम्मेदारी को निभाने के लिए केदार अजमेर में टाईल्स की फैक्ट्री में काम करने चला गया. जिससे परिवार का भरण-पोषण होता था.
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कोरोना के कारण देश मे लॉकडाउन लग गया जिससे फैक्ट्री बंद हो गई. बढ़े हुए लॉकडाउन में केदार को घर की याद सताते लगी. इसी बीच जब उसने प्रवासी मजदूरों को घर जाते देखा तो उनके साथ रह रहे जिले के 3 साथी भी उसके साथ जाने को तैयार हो गए और वह अपने जिले के साथियों के साथ घर जाने के लिए निकल पड़ा एक अधूरे सफर की ओर. उसे क्या पता था कि वह घर तो जाएगा लेकिन उसके साथियों सहित जाएगी सफेद कपड़ो में लिपटी हुई उसकी लाश.
मृतक केदार, अशोक, सतेंद्र जिला गया, बिहार के रहने वाले थे जो औरैया में हुए भीषण एक्सीडेंट का शिकार हो गए. औरैया जिला प्रशासन ने सभी के परिजनों को समय से सूचित कर दिया था जिससे परिजन अपने गांव से अपने बेटों की लाश को औरैया पोस्टमार्टम हाउस लेने देर रात आ गए. फिलहाल जिला प्रशासन ने तीनों शवों को उनके घर परिजनों के साथ एम्बुलेंस से भेज दिया है.
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