औरंगाबाद : सरकारी स्कूल के बच्चे बोलते हैं जापानी भाषा, इस तरह मिली प्रेरणा
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औरंगाबाद : सरकारी स्कूल के बच्चे बोलते हैं जापानी भाषा, इस तरह मिली प्रेरणा

विभाग ने विदेशी भाषा सिखाने का कार्यक्रम पिछले साल सितंबर में शुरू किया था. जिसके तहत चौथी से आठवीं तक के बच्चों को विदेशी भाषा सीखने का मौका दिया गया. 

प्रतीकात्मक तस्वीर

औरंगाबाद : महाराष्ट्र (Maharashtra) के औरंगाबाद जिला परिषद (Aurangabad District Council) द्वारा संचालित स्कूल के बच्चों ने क्रिएटिविटी की मिसाल पेश की है. सरकारी स्कूल के बच्चों की कामयाबी की देशभर में तारीफ हो रही है. कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के  दौर में जब दुनिया भर के स्कूलों में पढ़ाई थम गई थी उसी दौरान सूबे के इस जिले में स्थित सुदूर्वर्ती स्कूल के छात्रों ने जापानी भाषा सीखकर सभी को हैरानी में डाल दिया. 

कॉन्वेंट स्कूल के बच्चों को दे रहे टक्कर
देश के सरकारी स्कूलों की हालत किसी से छिपी नहीं है, इसके बावजूद शहर से 25 किलोमीटर दूर स्थित गांव के स्कूल में पढ़ने वाले छात्र और छात्राएं अब रोबोटिक्स और टेक्नॉलजी (Robotics and technology) के गुर सीख रहे हैं.  जिला शिक्षा अधिकारी (District Education Officer) सूरज प्रसाद के मुताबिक उनका लक्ष्य गांव के सामान्य घरों से आने वाले सभी बच्चों को रोजगारपरक शिक्षा मुहैया कराना है. इसी सिलसिले में यहां बच्चों को विदेशी भाषा भी सिखाई जाती है. इसके लिए ऑनलाइन शिक्षा का इंतजाम किया गया और धीरे-धीरे बच्चों ने बड़ा कमाल कर दिखाया.

अंजता-एलोरा से मिली जापानी सीख
शिक्षा अधिकारी के मुताबिक जिले की विश्व प्रसिद्ध अजंता-एलोरा की गुफाओं में हर साल जापान से बड़ी तादात में विदेशी सैलानी आते हैं. और स्कूल के कई शिक्षकों ने जापानी पर्यटकों से ये भाषा सीखने की शुरुआत की और उसके बाद प्रशासन ने भी सभी की हौसला अफजाई करने के लिए ऑनलाइन पढ़ाई का इंतजाम किया. जिला शिक्षा विभाग का मानना है कि अगर यहां के  स्कूली बच्चे जापानी भाषा बोलेंगे तो उन्हे टूरिज्म सेक्टर में रोजगार पाने में आसानी होगी. वो गाइड बनकर अपनी रोजी रोटी का इंतजाम कर सकते हैं. वहीं जापानी भाषा सीखने के दौरान बच्चों को बेसिक अंग्रेजी भाषा भी सिखाई जाती है. 

पिछले साल हुई मुहिम की शुरुआत
विभाग ने विदेशी भाषा सिखाने का कार्यक्रम पिछले साल सितंबर में शुरू किया था. जिसके तहत चौथी से आठवीं तक के बच्चों को विदेशी भाषा सीखने का मौका दिया गया. इसी स्कूल की आठवीं क्लास की छात्रा सुदीक्षा के मुताबिक अपने साथियों के साथ जापानी भाषा सीखने में उन्हे बड़ा मजा आया. लेवल वन में ही पढ़ाई के दौरान बेहतर प्रबंध की वजह से छात्र इतने कम समय में बेसिक सीखते हुए दूसरे देश की भाषा बोलने लगे हैं. यहां पढ़ने वाले बच्चों का आईक्यू लेवल भी जबर्दस्त है. छठी क्लास की छात्रा अमृता का कहना है कि वो बड़े होकर जापान जाने के साथ रोबोटिक्स की पढ़ाई करना चाहेंगी. ताकि वापस लौट कर वो देश के लिए अपना योगदा दे सकें.

(इनपुट: ANI से)

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