मुस्लिम सांसद बोले, 'मुसलमानों को अल्पसंख्यक होने का तमगा हटा देना चाहिए'
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मुस्लिम सांसद बोले, 'मुसलमानों को अल्पसंख्यक होने का तमगा हटा देना चाहिए'

बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि 1947 में मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ने मुसलमानों से ये बात कही थी कि आप देश की दूसरी बड़ी आबादी है, आपको हमदर्दी नहीं बल्कि अपना हक मांगना होगा.

बदरुद्दीन अजमल ने कही ये बात.

नई दिल्‍ली : मुसलमानों को अल्पसंख्यक होने का तमगा अपने ऊपर से उतार देना चाहिए क्योंकि मुस्लिम देश की दूसरी सबसे बड़ी आबादी है. मुसलमानों पर लगा अल्पसंख्यक होने का तमगा उनकी तरक्क़ी में आड़े आ रहा है. ये बात एआईयूडीएफ अध्‍यक्ष और धुबरी से तीसरी बार सांसद चुने गए बदरुद्दीन अजमल ने कही. बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि 1947 में मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ने मुसलमानों से ये बात कही थी कि आप देश की दूसरी बड़ी आबादी है, आपको हमदर्दी नहीं बल्कि अपना हक मांगना होगा.

बदरुद्दीन अजमल की पार्टी एआईयूडीएफ ने असम में तीन लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन सिर्फ एक सीट पर ही उन्हें जीत हासिल हुई. बदरुद्दीन अजमल इसके लिए कांग्रेस से काफी नाराज है. बदरुद्दीन अजमल का कहना है कि कांग्रेस ने उन्हें गठबंधन के धोखे में रखा और बाद में उन तीनों सीटों पर भी उम्मीदवार उतार दिए जहां उनके उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे थे और उनके दो उम्मीदवार हार गए जबकि 2014 में इन्ही सीटों पर वो जीते थे. बदरुद्दीन ने कहा कि कांग्रेस ने पीठ पर नहीं सीने पर छुरा घोपा है.

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मोदी सरकार के वापस आने पर बदरुद्दीन अजमल पीएम मोदी को बधाई देते हुए कहते है कि उन्हें उम्मीद हैं कि सरकार बगैर भेदभाव के काम करेगी. बदरुद्दीन अजमल मुस्लिम नौजवानों से अपील करते है कि वो मोदी सरकार का विरोध करना बंद करे और सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ लिखना बंद करें. सरकार गलत करती है तो लिखें, बोलें लेकिन बस विरोध करने के लिए विरोध ना हो. असम में एआईयूडीएफ के 13 विधायक है और लोकसभा में एक सांसद जीता है. 2014 में एआईयूडीएफ के तीन सांसद जीते थे.

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