मन्‍नत पूरी होने पर लोग चढ़ावा चढ़ाते हैं लेकिन इस बंदे ने तो 700 करोड़ कर दिए दान
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मन्‍नत पूरी होने पर लोग चढ़ावा चढ़ाते हैं लेकिन इस बंदे ने तो 700 करोड़ कर दिए दान

अपनी इच्‍छाएं लेकर लोग धर्मस्‍थलों पर जाते हैं और उनके पूरे होने के लिए मनौतियां भी करते हैं. बाद में मन्‍नत पूरी होने पर वे अपना किया हुआ वादा भी निभाते हैं लेकिन मन्‍नत पूरी होने पर कोई करोड़ों का दान दे, ऐसा सुनने में कम ही आता है. 

केरल का चोट्टानिक्कारा मंदिर

नई दिल्‍ली: अपनी इच्‍छाएं लेकर लोग धर्मस्‍थलों पर जाते हैं और उनके पूरे होने के लिए मनौतियां भी करते हैं. बाद में मन्‍नत पूरी होने पर वे अपना किया हुआ वादा भी निभाते हैं लेकिन मन्‍नत पूरी होने पर कोई करोड़ों का दान दे, ऐसा सुनने में कम ही आता है. 

बेंगलुरु के बिजनेसमैन (Bengaluru's Businessman) ने तो इस मामले में सारे रिकॉर्ड ही तोड़ दिए हैं. वह अपनी मन्‍नत पूरी होने के बाद केरल के एक मंदिर को 700 करोड़ रुपये का दान (Donate) देने जा रहा है. 

ये है पूरा मामला 
बेंगलुरु के एक बिजनेसमैन गणेश श्रवण स्‍वामी ने बताया, '2 साल पहले मेरे बिजनेस पर संकट आ गया, मैं बहुत परेशान था. तभी मैंने कोच्चि के चोट्टानिक्कारा मंदिर (Chottanikkara Devi Temple) में हर महीने आना शुरू किया. धीरे-धीरे सब ठीक हो गया, बल्कि मेरा बिजनेस मेरी उम्‍मीद से कहीं ज्‍यादा बढ़ गया.' 

अब उन्‍होंने इस मंदिर के रेनोवेशन के लिए 700 करोड़ रुपये की भारी राशि दान करने और इसे एक अंतरराष्ट्रीय तीर्थस्थल में बदलने की योजना बनाई है. 

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मंदिर के लिए कराएंगे ये काम 
उन्होंने आगे कहा, 'हमने मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए जरूरी कागजी कार्रवाई और प्रारंभिक औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं. इसके तहत 2 गोपुरम की साज-सज्जा, तीर्थयात्रियों के लिए सातवां गेस्ट हाउस, गर्भगृह की छत पर सोना के कवर चढ़ाना और देवी चोट्टानिक्कारा अम्मा का मूल निवास माने जाने वाले ओंकुट्टी चीरा का रेनोवेशन शामिल है.'

मंदिर के अधिकारियों ने कहा कि दान को लेकर पिछले एक साल से बातचीत चल रही है.

वहीं देवस्वामी बोर्ड ने कहा है कि वे भक्त द्वारा दिए गए दान का इस्तेमाल करने के लिए हाई कोर्ट से मंजूरी मिलने का इंतजार कर रहे हैं.

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