प्रणब मुखर्जी जुलाई 2012 से जुलाई 2017 तक देश के राष्ट्रपति रहे.
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नई दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को आज (8 अगस्त) भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा जाएगा. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज प्रणब मुखर्जी, समाजसेवी नानाजी देशमुख (मरणोपरांत) और संगीतकार व गायक भूपेन हजारिका (मरणोपरांत) को भारत रत्न सम्मान प्रदान करेंगे. गौरतलब है कि भारत सरकार ने इस साल गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) की पूर्व संध्या पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के अलावा समाजसेवी नानाजी देशमुख और मशहूर संगीतकार और गायक भूपेन हज़ारिका को भारत रत्न देने का ऐलान किया था.
प्रणब मुखर्जी जुलाई 2012 से जुलाई 2017 तक देश के राष्ट्रपति रहे. इसके पहले उन्होंने वित्त, रक्षा और विदेश जैसे अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी भी संभाली थी. साल 2004 से 2012 तक केंद्र में कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार में उन्हें प्रमुख 'संकटमोचक' माना जाता था.
मुखर्जी 47 वर्ष की उम्र में देश के सबसे कम उम्र के वित्त मंत्री बने
मुखर्जी 1982 में 47 वर्ष की उम्र में देश के सबसे कम उम्र के वित्त मंत्री बने थे. वर्ष 2004 से उन्होंने तीन महत्वपूर्ण मंत्रालयों विदेश मंत्रालय, रक्षा और वित्त मंत्रालय का कामकाज संभाला था. ‘प्रणब दा’ के नाम से मशहूर मुखर्जी 2012 से 2017 तक देश के राष्ट्रपति रहे थे. पिछले वर्ष नागपुर में आरएसएस के एक कार्यक्रम में शामिल होने पर मुखर्जी को कुछ लोगों से आलोचना का सामना करना पड़ा था.
नानाजी देशमुख
संघ से जुड़े नानाजी देशमुख पूर्व में भारतीय जनसंघ से जुड़े थे. 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद उन्होंने मन्त्री पद स्वीकार नहीं किया और जीवन पर्यन्त दीनदयाल शोध संस्थान के अन्तर्गत चलने वाले विविध प्रकल्पों के विस्तार हेतु कार्य करते रहे. अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने उन्हें राज्यसभा का सदस्य मनोनीत किया था. वाजपेयी के कार्यकाल में ही भारत सरकार ने उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य व ग्रामीण स्वालम्बन के क्षेत्र में अनुकरणीय योगदान के लिये पद्म विभूषण भी प्रदान किया.
भूपेन हजारिका
भूपेन हजारिका पूर्वोत्तर राज्य असम से ताल्लुक रखते थे. अपनी मूल भाषा असमिया के अलावा भूपेन हजारिका हिंदी, बंगला समेत कई अन्य भारतीय भाषाओं में गाना गाते रहे थे. उनहोने फिल्म 'गांधी टू हिटलर' में महात्मा गांधी का पसंदीदा भजन 'वैष्णव जन' गाया था. उन्हें पद्मभूषण सम्मान से भी सम्मानित किया गया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी थी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा पर खुशी जताते कहा था कि मुखर्जी ने अपने निस्वार्थ कार्यों से देश की विकास यात्रा में मजबूत छाप छोड़ी है. पीएम मोदी ने ट्विटर पर लिखा था, ‘‘प्रणब दा हमारे समय के उत्कृष्ट राजनेता हैं. उन्होंने दशकों तक देश की निस्वार्थ और अथक सेवा की है और देश की विकास यात्रा पर मजबूत छाप छोड़ी है. उनकी बुद्धिमत्ता और मेधा के सानी बहुत कम लोग होंगे. प्रसन्नता है कि उन्हें भारत रत्न देने की घोषणा की गई है."
Pranab Da is an outstanding statesman of our times.
He has served the nation selflessly and tirelessly for decades, leaving a strong imprint on the nation's growth trajectory.
His wisdom and intellect have few parallels. Delighted that he has been conferred the Bharat Ratna.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 25, 2019
कांग्रेस ने प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न देने का स्वागत किया था
कांग्रेस नेताओं ने प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न दिए जाने के फ़ैसले का स्वागत किया था. भारत रत्न मिलने के ऐलान के बाद प्रणब मुखर्जी ने अपने संदेश में कहा था कि, "मैं भारत के लोगों के प्रति पूरी विनम्रता और कृतज्ञता की भावना के साथ इस महान सम्मान भारत रत्न को स्वीकार करता हूं. मैंने हमेशा कहा है और मैं दोहराता हूं कि मुझे अपने महान देश के लोगों से उससे कही अधिक मिला है जितना मैंने उन्हें दिया है."
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा था, 'प्रणब दा, भारत रत्न के लिए बधाई
कांग्रेस के नेता तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न से सम्मानित करने की भारत सरकार की घोषणा के बाद मुखर्जी को बधाई दी थी और कहा था कि उनकी पार्टी को गर्व है कि कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे एक व्यक्ति के योगदान को पहचान और सम्मान दिया गया है.
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा था, 'प्रणब दा, भारत रत्न के लिए बधाई. कांग्रेस पार्टी को गर्व है कि जनसेवा एवं राष्ट्र निर्माण में हमारे एक अपने के असीम योगदान को पहचान और सम्मान मिला है.' उन्होंने भूपेन हजारिका और नानाजी देशमुख को भारत रत्न (मरणोपरांत) दिए जाने की घोषणा पर भी खुशी जताई."