राजस्थान: 8 जिलों में किसान पंजीयन में धांधली, ई-मित्र संचालक ओटीपी से कर रहे पंजीयन
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राजस्थान: 8 जिलों में किसान पंजीयन में धांधली, ई-मित्र संचालक ओटीपी से कर रहे पंजीयन

ई-मित्र संचालक प्रदेश के 8 जिलों में ओटीपी नंबर से पंजीयन कर रहे है, जबकि नियमों के तहत केवल बायोमेट्रिक सिस्टम से ही पंजीयन  मान्य है

प्रतीकात्मक तस्वीर

आशीष चौहान,जयपुर: तिलहन और दलहन की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर बिक्री करने के लिए किसानों के पंजीयन में प्रदेश के 8 जिलों में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. ई-मित्र संचालक अपने चहेतों को जमकर रेवड़ियां बांट रहे हैं. ई-मित्र संचालक प्रदेश के 8 जिलों में ओटीपी नंबर से पंजीयन कर रहे है, जबकि नियमों के तहत केवल बायोमेट्रिक सिस्टम से ही पंजीयन  (registration) मान्य है. 

ये गड़बड़झाला बारां, चूरू, जैसलमेर, नागौर, जोधपुर, उदयपुर, दौसा, श्रीगंगानगर में सामने आया है. सहकारिता प्रमुख सचिव नरेशपाल गंगवार ने सभी 8 जिलों के कलेक्टर्स को जांच के आदेश दे दिए हैं. जांच के बाद दोषी ई-मित्र संचालकों और किसानों के विरूद्ध कार्रवाई होगी. इन जिलों में 118 ई-मित्र केन्द्रों द्वारा आधार आधारित बायोमेट्रिक सत्यापन की जगह ओ.टी.पी. के आधार पर 10 प्रतिशत से लेकर 100 प्रतिशत पंजीयन फर्जी पंजीयन करवा दिए गए हैं.

दरअसल किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अपनी उपज बेचने के लिए सरकार उनका पंजीकरण कराती है. इस पंजीकरण के द्वारा सरकार को जानकारी मिलती है कि आखिर उसे कितने किसानों से और कितनी उपज की खरीद करनी है ताकि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसान फसल बेचकर योजना का  फायदा उठा सकें. किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल खरीदने के लिए राजस्थान सरकार ने रजिस्ट्रेशन शुरू किए हैं. लेकिन इस रजिस्ट्रेशन में अपनों को फायदा देने की शिकायतें मिलने के बाद से बायोमेट्रिक आधारित रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया था. लेकिन ई-मित्र संचालक OTP आधारित रिजस्ट्रेशन के ज़रिए आदेशों का उल्लंघन तो कर ही रहे हैं, पात्र किसानों का हक भी मार रहे हैं.

किसान ई-मित्र सेंटर पर नीचे लिखे दस्तावेज़ों के ज़रिए अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.
अपना फोटो पहचान पत्र
राशन कार्ड
जॉब कार्ड
ड्राइविंग लाइसेंस
किसान क्रेडिट कार्ड
गिरदावरी
बैंक पासबुक
फसल संबंधी दस्तावेज 
और जमाबंदी 

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