प्रदेश(Rajasthan) में एक बार फिर से हॉस्टल में रहने वाले स्टूडेंट्स को साइकिल बांटने के लिए टेंडर निकाले जाएंगे.
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जयपुर: प्रदेश(Rajasthan) में एक बार फिर से हॉस्टल में रहने वाले स्टूडेंट्स को साइकिल बांटने के लिए टेंडर निकाले जाएंगे. यह छठा मौका होगा, जब सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने सरकारी साइकिल बांटने के लिए टेंडर निकाले हैं. इससे पहले पांच बार टेंडर तो निकाले, लेकिन कठिन शर्तों के कारण किसी भी कंपनी ने आवेदन ही नहीं किया. लेकिन इसबार विभाग ने आसान शर्तों के साथ काली साइकिल के लिए टेंडर निकाला है. जिसके बाद छात्र-छात्राओं को उम्मीद जगी है कि अबकी बार उन्हें साइकिल मिलकर रहेगी.
सियासी साइकिल के बदलते रंग के बीच सरकारी साइकिल बांटने की कोशिशें फिर से की जा रही हैं. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से हॉस्टल में रहने वाले स्टूेड्टस को निशुल्क साइकिल बांटी जाएगी. इन साइकिल के लिए 17 अक्टूबर को फिर से टेंडर निकाले जाएंगे.
इस बार साइकिल कंपनियों के लिए 500 करोड रुपए तीन महीने का टर्नओवर आवश्यक होगा. वहीं सियासत के साथ-साथ बदलने साइकिल के रंग के बीच अब इस बार भी काले रंग की साइकिल का टेंडर निकाला गया है.
आपको बता दें कि पिछली बीजेपी सरकार में भगवा रंग की साइकिल बांटने के बाद विवाद हो गया था. लेकिन अब नियम बदलने के बाद एक बार फिर से स्टूडेंट्स को साइकिल मिलने की उम्मीदें जगी है.
दरअसल बीजेपी सरकार में 8 मार्च 2017 के बजट घोषणा में छात्रावासों में रहने वाले छात्र छात्राओं के लिए साइकिले बांटने का ऐलान किया था. इसमें शर्तें ये रखी गई थी कि दो किलोमीटर की दूरी पर स्कूल या शिक्षण संस्थान जाने वाले हॉस्टल स्टूडेंट्स को निशुल्क साइकिल दी जाएगी. लेकिन सत्ता में रहते हुए बीजेपी एक भी साइकिल नहीं बांट सकी थी. बीजेपी सरकार ने 4 बार टेंडर निकाले और अब कांग्रेस सरकार दूसरी बार टेंडर निकाल रही है.
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल का कहना है कि "कठिन नियमों के कारण ही कंपनियां टेंडर के लिए आवेदन नहीं कर रही थीं, लेकिन अब नियमों को सरल कर टेंडर निकाले जा रहे हैं. सामाजिक न्याय अधिकारिता के अधीन 756 सरकारी छात्रावास है. इनमें से 233 हॉस्टल ऐसे चिंहित किए गए है, जिनमें रहने वाले करीब 10 हजार स्टूडेंट्स ऐसे है, जिन्हें दो किलोमीटर या इससे अधिक दूरी तय कर स्कूल जाना पड़ता है. उन्हें जल्द से जल्द साइकिलें दी जाएंगी."
Satyendra Yadav, News Desk