आशीष चौहान,जयपुर: निकाय और पंचायती राज चुनाव से पहले गहलोत सरकार ने बड़ा मास्टर स्ट्रोक खेला है। राजस्थान सरकार ने EWS यानि की गरीब सवर्णों के आरक्षण से संपत्ति संबंधी प्रावधानों को हटाने का निर्णय लिया है। अब EWS आरक्षण में सिर्फ सालाना आय ही मान्य होगी । यानि कि अधिकतम 8 लाख सालाना आय वाले अभ्यर्थियों को सवर्ण आरक्षण का लाभ मिल सकेगा । राजस्थान सरकार ने गुजरात सरकार के पैटर्न को ही राज्य में लागू किया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इस फैसले से प्रदेश के गरीब सवर्णों को सरकारी नौकरी और शिक्षक संस्थानों में 10 फ़ीसदी आरक्षण का लाभ मिल सकेगा ।
अभी तक गरीब सवर्ण आरक्षण के लिए पांच एकड़ से अधिक कृषि भूमि, एक हजार वर्ग फुट से बड़े फ्लैट, नगर निगमों में 100 वर्ग गज या इससे बड़े प्लॉट, गैर-अधिसूचित स्थानीय निकायों में 200 वर्ग गज या इससे बड़े प्लॉट रखने वाले सवर्ण अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा था । लेकिन अब सरकार ने ये शर्त हटाकर गरीब सवर्णों को बड़ी राहत दी है।
प्रदेश में करणी सेना भी लगातार इस नियम को हटाने की मांग कर रही थी । ज़ी मीडिया ने भी अभ्यर्थियों की मांग को मुद्दा बनाया था और उनकी मांग को प्रमुखता से उठाया था । जिसके बाद सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए संपत्ति की शर्त को हटा दिया है। हालांकि यह नियम सिर्फ राजस्थान की भर्तियों के लिए ही मान्य होंगे । केंद्र सरकार की भर्तियों में पुराने नियम ही लागू रहेंगे । निकाय और पंचायत चुनाव से पहले सरकार के इस फैसले को सवर्णों के वोट बैंक पर निशाना साधने की बड़ी कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
ललित दुबे,न्यूज डेस्क