माना जा रहा है कि बीजेपी उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) विधानसभा और लोकसभा (Lok Sabha) चुनाव की तर्ज पर महाराष्ट्र (Maharashtra) में भी सॉफ्ट हिंदुत्व (soft Hindutva) का कार्ड चल चुकी है.
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मुंबई: महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly Elections 2019) में 'हिंदुत्व कार्ड' (Hindutva Card) चला जा चुका है. बीजेपी के सभी उम्मीदवार चुनावी मैदान में ताल ठोक कर उतर गए हैं. बीजेपी (BJP) इस बार अपने छोटे सहयोगी दलों समेत प्रदेश की कुल 164 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. लेकिन पार्टी की ओर से एक भी मुस्लिम उम्मीदवार (Muslim candidate) चुनावी समर में नहीं उतारा गया है. सूबे में कुल 288 विधानसभा सीटें हैं. मौजूदा देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) सरकार में भी कोई मुस्लिम चेहरा (Muslim Face) कैबिनेट का हिस्सा नहीं है. माना जा रहा है कि बीजेपी उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) विधानसभा और लोकसभा (Lok Sabha) चुनाव की तर्ज पर महाराष्ट्र (Maharashtra) में भी सॉफ्ट हिंदुत्व (soft Hindutva) का कार्ड चल चुकी है.
वहीं दूसरी ओर बीजेपी की ही सहयोगी शिवसेना (Shiv Sena) ने इस चुनाव (election) में दो बड़े मुस्लिम चेहरों (Muslim Face) को जगह दी है. मराठी फिल्मों (Marathi Cinema) की मशहूर फिल्म अभिनेत्री दिपाली सैय्यद और महाराष्ट्र (Maharashtra) के पूर्व कैबिनेट मंत्री अब्दुल सत्तार को शिवसेना ने विधायक बनाने के लिए चुनावी मैदान में उतार दिया है. शिवसेना प्रवक्ता मनीषा कायंदे के अनुसार शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बालासाहेब ठाकरे (Balasaheb Thackeray) ने हमेशा पार्टी में धर्म और जाति के बजाय काम करने वालों को प्रोत्साहन देने की हमें सीख दी है और हमारी पार्टी से मुस्लिम उम्मीदवार (Muslim candidate) भी चुनाव मैदान में हैं. हम धर्म (religion) के आधार पर किसी को नहीं देखते ये बात और लोग दूसरी पार्टियां देखें.
महाराष्ट्र चुनाव (Maharashtra Election) में बीजेपी (BJP) विकास समेत राष्ट्रवाद के मुद्दों को हवा दे रही है. सूबे की सियासत में सभी दल हर वर्ग को लुभाने की जुगत में हैं और नए-नए पैंतरे आजमा रहे हैं. कांग्रेस (Congress) और एनसीपी (NCP) अल्पसंख्यक वोट बैंक (Vote Bank) पर नजरें गड़ाए हुए हैं. लिहाजा दोनों पार्टियों ने कई अल्पसंख्यक चेहरों को विधानसभा चुनाव में मैदान में उतार दिया है. इसके साथ ही एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार (NCP Supremo Sharad Pawar) सत्तारुढ़ दलों पर सूबे के चुनाव में हिंदुत्व कार्ड (Hindutva Card) खेलने का आरोप भी लगा बैठे हैं. शरद पवार ने शनिवार को कहा था, "सत्तारुढ़ दल हिंदुत्व (Hindutva) को बढ़ावा दे रही है, ये इस चुनाव में भी देखा जा रहा है."
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पिछले चुनावों में देश की तस्वीर ऐसी देखी गई कि कई सूबों में बीजेपी (BJP) ने एक भी मुस्लिम उम्मीदवार (Muslim candidate) मैदान में नहीं उतारे फिर भी कई प्रदेशों में बीजेपी ने जबरदस्त जीत दर्ज की और इसमें मुस्लिम वोटरों (Muslim voters) का भी बड़ा हिस्सा बीजेपी की झोली में गया दिखाई दिया. बीते लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में बीजेपी और शिवसेना (Shiv Sena) को महाराष्ट्र में मुस्लिम वोटरों का अच्छा-खासा समर्थन हासिल हुआ. आपको बता दें कि कांग्रेस (Congress) को 53 फीसदी और एनसीपी (NCP) की झोली में मुस्लिम वोटरों ने 16 फीसदी वोट (Vote) डाले. आंकड़े बताते हैं कि पिछले लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में बीजेपी को करीब 12 फीसदी मुस्लिम मतदाताओं का समर्थन हासिल रहा.
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की 80 लोकसभा सीटों में करीब 20 फीसदी मुस्लिम वोटर (Muslim voters) हैं. पिछले लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में बीजेपी को 80 में से 58 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल हुई. माना जा रहा है कि मुस्लिम वोटरों का रुझान और झुकाव बीजेपी (BJP) की तरफ पिछले दिनों खासा बढ़ा है. महाराष्ट्र (Maharashtra) में 21 अक्टूबर को मतदान (voting) है और 24 अक्टूबर को चुनावी नतीजे (Election Results) तस्वीर साफ करेंगें कि इस बार अल्पसंख्यक समुदाय का झुकाव किस पार्टी की तरफ रहा.