हम आपको बता रहे हैं 2014 में जम्मू-कश्मीर में हुए विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा और पीडीपी के गठबंधन से लेकर 19 जून 2018 को गठबंधन टूटने के बीच की अहम घटनाएं. यहां पढ़ें कब-कब क्या-क्या हुआ.
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नई दिल्ली/जम्मू : जम्मू-कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और पीडीपी के बीच गठबंधन टूट गया है. इसकी घोषणा खुद भाजपा महासचिव और जम्मू-कश्मीर के प्रभारी राम माधव ने की. राम माधव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि घाटी के हालातों को देखते हुए गठबंधन में रहना सही नहीं है. राम माधव ने कहा कि राज्य में भाजपा का पीडीपी को अब समर्थन देना संभव नहीं है. हमने राज्य सरकार में हमारे उप मुख्यमंत्री कविंद्र गुप्ता और अन्य सभी मंत्रियों से चर्चा की. सबकी सहमति से निर्णय लिया गया है जम्मू-कश्मीर में भाजपा अपनी भागीदारी को वापस लेगी.
हम आपको बता रहे हैं 2014 में जम्मू-कश्मीर में हुए विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा और पीडीपी के गठबंधन से लेकर 19 जून 2018 को गठबंधन टूटने के बीच की अहम घटनाएं. यहां पढ़ें कब-कब क्या-क्या हुआ.
दिसंबर 2014: जम्मू-कश्मीर में अपनी स्थिति मजबूत करते हुए भाजपा ने 37 में से 25 सीटों पर जीत हासित की. भाजपा राज्य में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी.
24 फरवरी, 2015: कई हफ्तों की बातचीत के बाद भाजपा और पीडीपी ने राज्य में गठबंधन सरकार बनाने का फैसला लिया. महबूबा मुफ्ती ने कहा- सरकार सत्ता हासिल करने के लिए नहीं बल्कि दिल जीतने के लिए है.
मार्च 2015: अलगाववादी नेता मसरत आलम की रिहाई को लेकर दोनों पार्टियों में फूट का पहला संकेत मिला. भाजपा ने चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसी हकरतें बरदाश्त नहीं की जाएंगी.
जनवरी 2016: तत्कालीन मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद राज्य में राज्यपाल शासन लगाया गया. इसके बाद उनकी बेटी महबूबा मुफ्ती को पीडीपी का प्रमुख बनाया गया.
फरवरी 2016: पीडीपी ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग की.
मार्च 24, 2016: पीडीपी ने महबूबा मुफ्ती को जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया.
अप्रैल 4, 2016: महबूबा मुफ्ती को जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री बनीं.
सितंबर 2016: पीडीपी सांसद तारिक कररा ने इस्तीफा दे दिया. उन्होंने कहा कि कश्मीर में लोगों का जीवन नाजी शासन से भी बदतर है.
मई 2017: कश्मीरी नागरिक को मेजर गोगोई द्वार सेना की जीप पर बांधकर घुमाए जाने को लेकर बीजेपी-पीडीपी के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न हुई. पीडीपी ने इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया.
अप्रैल 2018: भाजपा के दो सांसदों चंद्र प्रकाश गंगा और चौधरी लाल सिंह को कठुआ गैंगरेप मामले के आरोपियों के समर्थन में निकाली गई रैली में विवादित बयान देने के कारण इस्तीफा देना पड़ा.
जून 2018: अज्ञात बदमाशों ने राइजिंग कश्मीर के एडिटर शुजात बुखारी की गोली मारकर हत्या कर दी. इसी दिन ईद की छुट्टी पर घर जा रहे भारतीय सेना के जवान औरंगजेब को आतंकियों ने अगवा कर हत्या कर दी.
जून 19 2018: दोपहर करीब 12:30 बजे बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने दिल्ली में राज्य के सभी बड़े पार्टी नेताओं के साथ बैठक की. बैठक में जम्मू-कश्मीर के प्रभारी राम माधव, उप मुख्यमंत्री कविंद्र गुप्ता के साथ साथ अन्य बड़े नेता शामिल हुए.
दोपहर 2 बजे: राम माधव ने पीडीपी से समर्थन वापस लेने का फैसला किया.
दोपहर 3 बजे: महबूबा मुफ्ती समेत सभी मंत्रियों ने राज्यपाल एनएन वोहरा को अपना इस्तीफा सौंप दिया.