जब कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा, 'मंशा अच्छी है, तो पहले 1 करोड़ रुपए जमा करें, तभी होगी सुनवाई'
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जब कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा, 'मंशा अच्छी है, तो पहले 1 करोड़ रुपए जमा करें, तभी होगी सुनवाई'

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति केके तातेड एक गैर पंजीकृत “थिंक टैंक” ‘अभिनव भारत कांग्रेस’ और उसके संस्थापक पंकज फडणीस द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहे थे.

जब कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा, 'मंशा अच्छी है, तो पहले 1 करोड़ रुपए जमा करें, तभी होगी सुनवाई'

मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को एक ‘थिंक टैंक’ के संस्थापक को निर्देश दिया कि कोरोना वायरस महामारी के बीच यहां ट्रस्ट द्वारा संचालित दो अस्पतालों के अधिग्रहण से जुड़ी उसकी जनहित याचिका पर सुनवाई से पहले अपनी ईमानदार मंशा को साबित करने के लिए वह एक करोड़ रुपये जमा कराएं.

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति केके तातेड एक गैर पंजीकृत “थिंक टैंक” ‘अभिनव भारत कांग्रेस’ और उसके संस्थापक पंकज फडणीस द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहे थे.

याचिका में मांग की गई थी कि महाराष्ट्र सरकार और बृह्न्मुंबई महानगरपालिका मध्य मुंबई में बाई जेरबाई वाडिया बाल अस्पताल और नौरोजी वाडिया प्रसूति अस्पताल को कोविड-19 और अन्य मरीजों को समायोजित करने के लिये अधिग्रहित करें.

दोनों अस्पतालों के साथ ही बीएमसी ने भी इस याचिका का विरोध करते हुए दावा किया था कि फडणीस वाडिया परिवार का पूर्व कर्मचारी है और वह अपने व्यक्तिगत कारणों से ऐसा करने की कोशिश कर रहा है.

अदालत ने कहा, “पहली नजर में, हमारा मानना है कि यह याचिका जनहित में नहीं, बल्कि अनुचित मंशा से दायर की गई होगी और फडणीस के इरादे संदिग्ध हैं.”

न्यायाधीशों ने फडणीस से कहा कि अगर वह चाहता है कि उसकी याचिका पर अदालत सुनवाई करे तो एक हफ्ते के अंदर एक करोड़ रुपये की जमानत राशि जमा करे.

अदालत ने कहा कि जमानत की रकम जमा नहीं किया जाने पर याचिका खारिज समझी जाएगी.

इनपुट: भाषा

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