कुपवाड़ा को आतंक का गढ़ कहा जाता है. यह बेहद संवेदनशील इलाका है. लेकिन गुरुवार को यहां के बच्चों की हाथ में तिरंगा लेकर नाचने गाने की तस्वीरें सामने आने से यह स्पष्ट हो गया है कि यहां की नई पीढ़ी भी देशभक्ति से ओतप्रोत है.
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नई दिल्ली : देश में आज 73वें स्वतंत्रता दिवस को हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है. कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक, हर जगह देशवासी आजादी के इस पर्व को सेलिब्रेट कर रहे हैं. इसी बीच स्वतंत्रता दिवस पर जम्मू-कश्मीर से एक बेहद खुशनुमा तस्वीर सामने आई है. इसमें स्कूल के बच्चे कुपवाड़ा में हाथ में तिरंगा लिए नाच-गा रहे हैं. यह तस्वीर जम्मू-कश्मीर के हालात को बयां कर रही है. ये यह बता रही है कि जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य हो रहे हैं. यहां लोग और नई पीढ़ी में बदलाव की बयार साफ दिख रही है.
कुपवाड़ा को आतंक का गढ़ कहा जाता है. यह बेहद संवेदनशील इलाका है. लेकिन गुरुवार को यहां के बच्चों की हाथ में तिरंगा लेकर नाचने गाने की तस्वीरें सामने आने से यह स्पष्ट हो गया है कि यहां की नई पीढ़ी भी देशभक्ति से ओतप्रोत है.
जम्मू-कश्मीर से मोदी सरकार की ओर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया गया है. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया जा रहा है. यहां लोगों में खुशी की लहर है. गुरुवार को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जहां लद्दाख में आजाद की पर्व पूरे जोश के साथ मनाया गया, वहीं जम्मू-कश्मीर में भी लोग इसे खुशी से मना रहे हैं.
गुरुवार को लेह-लद्दाख में भी स्वतंत्रता दिवस समारोह मनाया गया. इस समारोह में लद्दाख के सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल ने लोगों के साथ झूमकर डांस किया. समारोह के वीडियो में दिख रहा है कि लद्दाख के लोग सरकार के इस निर्णय से बेहद खुश हैं. सांसद नामग्याल का कहना है कि भारत के इतिहास में पहला स्वतंत्रता दिवस है, जो 7 दशक के संघर्ष के बाद अचीव किया. इसे पूरे जश्न के साथ मना रहे हैं.
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को लद्दाखवासियों की तरफ से धन्यवाद करना चाहूंगा, पीएम के दिल में लद्दाख के लिए अलग जगह है. सांसद ने कहा कि पूरे देश के नागरिक जान चुके हैं, नेहरू जी किस तरह लद्दाख को देखते थे, आज के पीएम लद्दाख को किस तरह देखते हैं. ये दो पीएम के विचार का अंतर है, वो स्पष्ट है. सरकार की नीति नीयत स्पष्ट है, जो भी कदम लिया है उसमें एक भी जान नहीं गई है.
पीएम नरेंद्र मोदी ने भी गुरुवार को लाल किले की प्राचीर से कहा कि नई सरकार बनने के 70 दिनों के अंदर जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए खत्म किया गया. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों की आकांक्षाएं पूरी हों, यह हम सबकी जिम्मेदारी है. उनका कहना है कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर का विकास होगा.