सियासी हलचल! BJP में शामिल हो सकते हैं बसपा के पूर्व मंत्री के बेटे
चिराग ने बताया कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की कार्यशैली से बहुत प्रभावित हैं.
आगरा: उत्तर प्रदेश में आगरा जिले की सादाबाद विधान सभा सीट से विधायक और पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय (Ramveer Upadhyay) बसपा में रहेंगे या दलबदल करेंगे इसे लेकर भले ही अभी संशय के बादल छाए हों लेकिन उनके पुत्र चिराग वीर उपाध्याय (Chirag Veer Upadhyay) आज आगरा बीजेपी (BJP) के बृज क्षेत्र के कार्यालय पहुंच गए हैं. इस दौरान उनके साथ कई समर्थक भी थे.
चिराग ने बताया कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की कार्यशैली से बहुत प्रभावित हैं. उन्होंने कहा कि मैं श्रीराम का भक्त हूं, उनकी सेवा करना चाहता हूं. अयोध्या में भव्य राम मंदिर की नींव रख दी गई है. देश में और भी बहुत अच्छे कार्य हो रहे हैं. मैं इस विचारधारा से जुड़कर देश की सेवा करना चाहता हूं. उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी में अपनी बात रखने की आजादी है इसीलिए मैं बीजेपी से जुड़ना चाहूंगा.
लोकसभा चुनाव से पहले हो गई थी दूरियां
बीते साल लोक सभा चुनाव से पहले बसपा प्रमुख मायावती (Mayawati) ने रामवीर उपाध्याय को पार्टी से निलंबित कर दिया था. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव मेवालाल गौतम ने रामवीर उपाध्याय पर कार्रवाई करते हुए उन पर आरोप लगाया था कि आगरा, फतेहपुर सीकरी, अलीगढ़ आदि सीटों पर उन्होंने पार्टी प्रत्याशी का विरोध किया है. जिसके बाद बसपा ने रामवीर को विधान सभा में मुख्य सचेतक के पद से भी हटा दिया था. तभी से रामवीर उपाध्याय बसपा के किसी कार्यक्रम में नजर नहीं आए. इस बीच कई बार उनके बसपा में लौटने तो कभी बीजेपी में जाने की चर्चा होती रही. हालांकि उनका हर बार यही कहना था कि वो अपने समर्थकों से चर्चा के बाद ही अगला राजनीतिक कदम उठाएंगे.
विरासत सौंपना चाहते हैं रामवीर
रामवीर उपाध्याय अपनी राजनीतिक विरासत अपने पुत्र चिरागवीर को सौंपना चाहते हैं. पिछले विधान सभा चुनाव से ही चिरागवीर की राजनीतिक सक्रियता दिखाई देने लगी थी. सादाबाद में 2017 के विधान सभा चुनाव में उन्होंने पिता के लिए प्रचार किया था. इसके साथ ही शनिवार को योगी आदित्यनाथ से रामवीर उपाध्याय की मुलाकात के भी मायने निकाले जा रहे थे. अब सूत्र बताते हैं कि फिलहाल रामवीर उपाध्याय तो बीजेपी या अन्य दल में नहीं जा रहे हैं लेकिन उनके पुत्र भगवा झंडे तले अपनी राजनीति को धार दे सकते हैं. इसके लिए जमीन तैयार कर ली गई है. आगरा में इस नए मेल की शुरुआत भी हो गई है.
रामवीर उपाध्याय के छोटे भाई और पूर्व एमएलसी मुकुल उपाध्याय बीजेपी में पिछले साल शामिल हो गए थे. जब वो शामिल हुए थे तो रामवीर पर कई आरोप भी लगे थे. उसके बाद से मुकुल उपाध्याय बीजेपी में सक्रिय हैं. वहीं रामवीर उपाध्याय के एक और भाई विनोद उपाध्याय जिला पंचायत अध्यक्ष हैं. वो भी जिला पंचायत अध्यक्ष बनने के बाद बीजेपी का दामन थाम चुके हैं.
बहुत कुछ है होना बाकी
अगर चिरागवीर बीजेपी में जाते हैं तो उसके बाद सभी लोगों की नजरें रामवीर की ओर टिक जाएंगी. बेटे के बीजेपी में जाने के बाद आखिर रामवीर उपाध्याय कितने दिन अपने आप को रोक पाएंगे. एक सवाल ये भी कि यदि चिरागवीर को बीजेपी ने टिकट दिया तो क्या रामवीर चिराग के लिए चुनाव प्रचार करेंगे.
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