कांग्रेसी विधायक ने दिया विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा, भाजपा में शामिल हुए
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कांग्रेसी विधायक ने दिया विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा, भाजपा में शामिल हुए

 मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को करारा झटका देते हुए मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के बड़ामलहरा विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी रविवार को पार्टी छोड़ भाजपा में शामिल हो गए.

कांग्रेसी विधायक ने दिया विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा, भाजपा में शामिल हुए

भोपाल: मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को करारा झटका देते हुए मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के बड़ामलहरा विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी रविवार को पार्टी छोड़ भाजपा में शामिल हो गए.

इससे पहले उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया, जो रविवार को मंजूर हो गया.

इसके बाद वह रविवार को भोपाल में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा के समक्ष भाजपा में शामिल हो गये.

इस मौके पर लोधी ने कहा, ‘मैंने शनिवार को विधानसभा के प्रोटेम अध्यक्ष (रामेश्वर शर्मा) के समक्ष जाकर अपना विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दिया था और आज उन्होंने मेरा त्यागपत्र स्वीकार कर लिया है.’

उन्होंने कहा कि इसके बाद मैं आज कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गया हूं.

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लोधी ने बताया कि अपनी विधानसभा बड़ामलहरा के साथ-साथ पूरे बुंदेलखंड के विकास के लिए मैंने यह फैसला किया.

उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूरे प्रदेश में विकास की गंगा बहाई है और वह विकास का प्रयास बन चुके हैं. भाजपा से ही क्षेत्र का विकास हो सकता है.

लोधी ने बताया कि कोरोना वायरस संकट के कारण विकास न होने के कारण पूरे बुंदेलखंड के कई लोग पलायन कर रहे हैं. मेरी विधानसभा से करीब 20,000 लोगों ने पलायन किया है. मैं चाहता था कि अपनी विधानसा क्षेत्र सहित समूचे बुंदेलखंड एवं वहां के गरीब-पिछड़े लोगों का तेजी से विकास हो और वहां के लोगों को वहीं रोजगार मिले.

उन्होंने कहा कि इसलिए विकास की बहुत सी योजनाओं की वजह से मैं दो दिन पूर्व भोपाल आया था.

लोधी ने कहा कि विषम परिस्थितयों में जब हमारी सरकार में वित्तीय संकट चल रहा है, उसके बावजूद भी जब मैंने मुख्यमंत्री चौहान से निवेदन किया कि अगर मेरी विधानसभा क्षेत्र की एक बहुत ही महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजना स्वीकृत हो जाएगी तो पूरे विधानसभा का उत्थान हो जाएगा, तो उन्होंने इस परियोजना को तत्काल स्वीकृति दे दी.

उन्होंने कहा कि यह परियोजना साढ़े चार सौ करोड़ रुपये की है और इससे 1700 हेक्टेयर कृषि भूमि की सिंचाई होगी.

चौहान के काम करने की तारीफ करते हुए लोधी ने बताया, ‘ये होता है काम करने का तरीका. आज मैं पूरे दावे के साथ में कहा सकता हूं कि यह सौगात जो मुख्यमंत्री ने दी है, मैं समझता हूं यह बहुत महत्वपूर्ण है और इसके लिए यदि मैंने अपने विधानसभा का ऋण चुकाया है तो निश्चित रूप से मैं मुख्यमंत्री जी का ऋणी हो गया और इस कारण मैंने त्यागपत्र दिया है.’

उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि सरकार के साथ मिलकर पूरे बुंदेलखंड का विकास हो.

चौहान एवं शर्मा ने लोधी के भाजपा में शामिल होने पर उनका स्वागत किया है.

इस मौके पर शर्मा ने लोधी के कांग्रेस में शामिल होने की औपचारिक घोषणा भी की और कहा कि लोधी की आज घर वापसी हुई है.

भाजपा में शामिल होने से पहले लोधी यहां मुख्यमंत्री निवास पर भी गये थे और वहां भाजपा की वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री उमा भारती से भी मुलाकात की थी. बड़ामलहरा विधानसभा सीट का मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती पहले प्रतिनिधित्व किया करतीं थीं.

इसी बीच, मध्य प्रदेश विधानसभा के अस्थाई अध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने कहा, ‘लोधी ने शनिवार को विधानसभा सदस्यता से इस्तीफे दिया था। उसे रविवार को मंजूर कर लिया गया है.’

मालूम हो कि मार्च में कांग्रेस के 22 विधायकों के राज्य विधानसभा से त्यागपत्र देने से कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस नीत सरकार 15 महीने में ही गिर गयी थी और चौहान के नेतृत्व में प्रदेश में भाजपा सरकार बनी है. वह रिकॉर्ड चौथी बार प्रदेश के मुखिया बने हैं. कांग्रेस के अधिकांश बागी विधायक, जिन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था, भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक माने जाते हैं.

लोधी के इस्तीफे के बाद कुल 230 सदस्यों वाली मध्य प्रदेश विधानसभा की 25 सीटें रिक्त हो गई हैं, जिनमें से 23 कांग्रेस के विधायकों के इस्तीफे से खाली हैं, जबकि दो सीटों पर भाजपा एवं कांग्रेस के एक-एक विधायक के निधन से रिक्त हैं. वर्तमान में भाजपा के 107 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के 91, बसपा के दो, सपा का एक और चार निर्दलीय हैं.

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इन 25 सीटों पर होने वाले आगामी उपचुनाव के परिणाम महत्वपूर्ण है, क्योंकि विधानसभा में भाजपा एवं कांग्रेस के सदस्यों की वर्तमान संख्या को देखते हुए प्रदेश में इन दोनों दलों को ही सरकार बनाने का मौका ये परिणाम दे सकते हैं.

इनपुट: भाषा

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