हाड़ौती में बारिश के कहर का शिकार बने किसान, फसलों को हुआ भारी नुकसान
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हाड़ौती में बारिश के कहर का शिकार बने किसान, फसलों को हुआ भारी नुकसान

कोटा में बारिश का औसत आंकड़ा 746 मिमी है लेकिन इस बार इसने 1498 मिमी के अंक को छू लिया है. इससे पहले सन 1971 में बारिश ने 1500 मिमी का आंकड़ा छूआ था.

इस बार हाड़ौती में 162.26 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई.

हाड़ौती: कोटा संभाग के हाड़ौती में हुई भारी बारिश के चलते करीब 10 हज़ार करोड़ की फसलें तबाह हो गई है. जिनमें धान, सोयाबीन, और उड़द, ज्वार, मक्का की फसलों को ज्यादा नुकसान हुआ है. ज़्यादातर इलाकों मे 80 से 100 फीसदी तक फसल खराब हो चुकी है. किसानों की मानें तो वह पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं, ऐसे में उनकी उम्मीद अब सरकार से मिलने वाले मुआवज़े पर टिकी है.

बारिश के कहर के कारण प्रदेश के सभी अन्नदाता खासे परेशान है. उसकी मेहनत पर पानी फिर गया है. किसानों की मानें तो लगता है इंद्रदेव इस बार कोटा में बारिश का 48 साल पुराना रिकॉर्ड तोडने पर आमादा हैं, दरअसल, कोटा में बारिश का औसत आंकड़ा 746 मिमी है लेकिन इस बार इसने 1498 मिमी के अंक को छू लिया है. इससे पहले सन 1971 में बारिश ने 1500 मिमी का आंकड़ा छूआ था. इससे लगता है कि एक-दो दिन में यह रिकॉर्ड भी टूट ही जाएगा. इस बार हाड़ौती में 162.26 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई. 

कोटा संभाग में इस बार बारिश ने सभी रिकोर्ड को तोड़ दिया और इसी बारिश ने किसानों को अब बेबस कर दिया है. इसी ज़्यादा बारिश की बदौलत किसानो की फ़सले चौपट हो गई है. हालात ये है की हाड़ौती के ज़्यादातर इलाक़ों में फसलों में 80 से 100 फ़ीसदी तक फसल खराब हो गई है. 

कोटा संभाग की अगर बात करे तो यहां 11 लाख 58 हजार हैक्टेयर में बुवाई हुई, जिसमे 6 लाख 87 हज़ार हैक्टेयर में सोयाबीन की फसल का मुकसान हो गया. वहीं, सभी फसलों की बात करें तो 5 लाख 78 हज़ार हैक्टेयर की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई.  

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कोटा संभाग के संयुक्त कृषि निदेशक रामवतार शर्मा के मुताबिक 11 लाख 58 हज़ार हैक्टेयर में बुवाई हुई जसमे 6 लाख 87 हज़ार हैक्टेयर में सोयाबीन की फ़सल 2 लाख 8 हज़ार हैक्टेयर में उड़द की बुबाई हुई 99 हज़ार हैक्टेयर में मक्का की बुवाई हुई. जबकि 95 हज़ार हैक्टेयर मे धान की बुवाई हुई है, जिसमें से 5 लाख 78 हज़ार हैक्टेयर की फसल खराब हो गई.  

वहीं, अब फसल खराब होने के बाद किसान प्रतिनिधी अपनी खराब हुई फसलों के आंकड़े को लेकर कृषि अधिकारियों के पास पहुंच रहे हैं. ताकि किसानों को जल्द सर्वे करवाकर उचित मुआवजा मिल सके. वैसे तो प्रदेश में पहले लोग सूखे से परेशान थे लेकिन जब बारिश आई तो उसने सभी रिकॉर्ड तोड़ने के साथ किसानों की फसलों को भी पूरी तरह बर्बाद कर दिया. वहीं, अब किसानों को सरकार से उम्मीद है कि वह मुआवजा देकर उनके नुकसान की भरपाई करेंगी.

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