डांस बार मामलाः सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'बदल गई है अश्लीलता की परिभाषा'
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डांस बार मामलाः सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'बदल गई है अश्लीलता की परिभाषा'

कोर्ट ने कहा क राज्य सरकार ने जो सख़्त शर्ते थोपी है, उनके चलते एक भी बार का चलना मुश्किल हो रहा है. 

फाइल फोटो

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को डांस बार मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि मुम्बई में 'मोरल पुलिसिंग' हो रही है. कोर्ट ने कहा क राज्य सरकार ने जो सख़्त शर्ते थोपी है, उनके चलते एक भी बार का चलना मुश्किल हो रहा है. जस्टिस ए के सीकरी ने कहा, 'वक्त बदल गया है और उसके साथ ही अश्लीलता की परिभाषा बदली है, पहले प्यार दिखाने के लिए फ़िल्म निर्देशक दो फूलों और दो चिड़ियों को चहचहाते हुए दिखा देते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है.' डांस बार मालिकों ने महाराष्‍ट्र सरकार के नए लाइसेंस नियमों को कोर्ट में चुनौती दी है. अगली सुनवाई 23 अगस्त को होगी.

इससे पहले बुधवार को हुई सुनवाई में न्यायमूर्ति ए. के. सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ को याचिकाकर्ताओं ने बताया कि राज्य सरकार ने डांस बार चलाने की शर्तों के संबंध में नया कानून लाकर शीर्ष अदालत के पुराने फैसले को दरकिनार करने का प्रयास किया है.

होटल और रेस्तरां मालिकों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता जयंत भूषण ने कहा कि राज्य सरकार ने यह रुख अपना लिया है कि शीर्ष अदालत के फैसले के बावजूद वह राज्य में डांस बार नहीं चलने देगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार वर्षों से प्रदेश में डांस बार चलाने से रोकने के लिए कोई न कोई नयी शर्त लागू कर रही है.

भूषण ने कहा कि शीर्ष अदालत के निर्देशों के बावजूद राज्य सरकार ने 81 आवेदकों को लाइसेंस जारी नहीं किये हैं. यहां तक कि अदालत के निर्देश पर दिये गए तीन लाइसेंस भी बाद में दमकल विभाग की मंजूरी नहीं होने के नाम पर रद्द कर दिये गये.

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