जयपुर: घट रहा केंद्र सरकार का GST कलेक्शन, राज्यों की वित्तीय सेहत पर पड़ रहा असर
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जयपुर: घट रहा केंद्र सरकार का GST कलेक्शन, राज्यों की वित्तीय सेहत पर पड़ रहा असर

राजस्थान के करीब सात हजार करोड़ रुपए केंद्र सरकार पर बकाया चल रहे हैं. इसके चलते कई महत्वपूर्ण योजनाओं के संचालन पर असर पड़ रहा है.

प्रतीकात्मक तस्वीर.

जयपुर: केंद्र सरकार का घटता जीएसटी कलेक्शन (GST Colletion) राज्यों की वित्तीय सेहत पर भी असर डाल रहा है. केंद्र सरकार (Central Government) की ओर से राज्य जीएसटी की राशि समय पर खातों में नहीं डालने से कामकाज प्रभावित हो रहा है. राजस्थान के करीब सात हजार करोड़ रुपए केंद्र सरकार पर बकाया चल रहे हैं. इसके चलते कई महत्वपूर्ण योजनाओं के संचालन पर असर पड़ रहा है, यह योजनाएं शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पेयजल, किसान, सामाजिक अधिकारिता और श्रम से जुड़ी हुई हैं.

राजस्थान सरकार इन दिनों वित्तीय प्रबंधन पर अधिक जोर दे रही है, जिसके पीछे वजह है आमदनी कम और खर्चा अधिक. गहलोत (Gehlot) सरकार के सामने इन दिनों खर्चों की बड़ी सूची है लेकिन खर्च करने के लिए राजकोष में धन की कमी भी है. राज्य सरकार के स्थायी आय के संसाधन सीमित हैं, कारोबार पर असर से अन्य राजस्व आय भी प्रभावित हैं. इन सबके बीच राज्य जीएसटी के 7,000 करोड़ रुपए केंद्र सरकार की ओर से रोकने पर मुश्किलें अधिक बढ़ गई हैं. 

नहीं आई अब तक सरकार के खाते में राशि
राजस्थान सरकार के खाते में यह राशि अब तक आ जानी चाहिए थी लेकिन केंद्र में जीएसटी के घटते कलेक्शन का असर इस पर अधिक हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का भी कहना है कि यह विषय राजनीति के लिए नहीं उठाया गया है लेकिन जीएसटी की विफलता घटता टैक्स कलेक्शन दिखाता है. राजस्थान के सात हजार करोड़ रुपए अभी तक बकाया चल रहे हैं, अन्य राज्यों की राशि भी इसी तरह पेंडिंग अकाउंट्स में हो सकती है.

कुछ ऐसे हैं केंद्र सरकार के कलेक्शन के आंकड़े
केंद्र सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, जीएसटी कलेक्शन अक्टूबर महीने में गिरकर 95,380 करोड़ रुपये रहा. पिछले साल अक्टूबर में जीएसटी टैक्स कलेक्शन 1,00,710 करोड़ रुपये रहा था. अक्टूबर त्योहारी महीना था, जिसमें बिक्री काफी बढ़ी है. ऐसे में जीएसटी कलेक्शन में गिरावट चिंता पैदा कर रही है. यह लगातार तीसरा महीना है, जब जीएसटी की वसूली एक लाख करोड़ रुपये से नीचे है. 

सितंबर में जीएसटी संग्रह 91,916 करोड़ रुपये था. अक्टूबर माह में केंद्रीय जीएसटी 17,582 करोड़ रुपये, राज्य जीएएसटी 23,674 करोड़ रुपये, समन्वित जीएसटी 46,517 करोड़ रुपये जिसमें 21,446 करोड़ रुपये आयातित माल से प्राप्त हुए और उपकर का हिस्सा 7,607 करोड़ रुपये रहा. 

प्रभावित होंगी कई योजनाएं
सीएम गहलोत का कहना हैं कि घटते कलेक्शन के चलते केंद्र सरकार पैसा देने में देरी कर रही है. राजस्थान सरकार के सामने वर्तमान में सबसे बड़ा खर्च किसानों को नए फसली सीजन के लिए कर्ज उपलब्ध करवाने, मानसून के बाद सड़कों की मरम्मत करवाने, स्वास्थय सुविधाओं में विस्तार और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार को लेकर है. इसके अलावा वेतन भत्तों और ब्याज का स्थायी खर्च भी राजकोषीय घाटे में इजाफा कर रहा है. इन सबके बीच घटती आय चिंता पैदा कर रही है. ऐसे वक्त में अगर राज्य जीएसटी का पैसा मिलने में देरी होगी तो जनहित से जुड़ी कई योजनाओं का प्रभावित होना तय है.

 

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