कांग्रेस का 'गढ़' रही इस सीट से लड़ रहे एचडी देवगौड़ा, JDS ने कहा- बीजेपी के सामने कमजोर नहीं पड़ेंगे
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कांग्रेस का 'गढ़' रही इस सीट से लड़ रहे एचडी देवगौड़ा, JDS ने कहा- बीजेपी के सामने कमजोर नहीं पड़ेंगे

कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री जी परेश्वमर ने कहा है कि तुमकुरू लोकसभा सीट गठबंधन साझेदार जेडीएस को सपुर्द करने के कांग्रेस के फैसले से इस सीट पर उनकी पार्टी की पकड़ कमजोर नहीं पड़ेगी और उनका अंतिम उद्देश्य राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनते देखना है. 

.(फाइल फोटो)

तुमकुरू (कर्नाटक): कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री जी परेश्वमर ने कहा है कि तुमकुरू लोकसभा सीट गठबंधन साझेदार जेडीएस को सपुर्द करने के कांग्रेस के फैसले से इस सीट पर उनकी पार्टी की पकड़ कमजोर नहीं पड़ेगी और उनका अंतिम उद्देश्य राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनते देखना है. पुराने मैसूर क्षेत्र में पड़ने वाली इस सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार ने 10 बार, जबकि भाजपा ने चार बार जीत हासिल की है. यह निर्वाचन क्षेत्र 1952 से 1989 तक कांग्रेस का गढ़ रहा था.

पूर्व प्रधानमंत्री एवं जेडीएस सुप्रीमो एच डी देवगौड़ा तुमकुरू में पूर्व सांसद जीएस बासवराज के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं, जो भाजपा के उम्मीदवार हैं. परमेश्वर ने यहां कोलाबा गांव में चुनाव प्रचार से इतर पीटीआई भाषा को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘तुमुकरू सीट देवगौड़ा को देने का फैसला वहां कांग्रेस की पकड़ को कमजोर नहीं करेगा. हमारा अंतिम उद्देश्य राहुल गांधी को भारत का प्रधानमंत्री बनने देखना है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यहां तक कि देवगौड़ा ने राहुल को प्रधानमंत्री बनाने की अपनी आकांक्षा जाहिर की है.’’

गौरतलब है कि यह सीट मौजूदा सांसद एम. गौड़ा को नहीं दिए जाने से परमेश्वर और कांग्रेस के अन्य स्थानीय नेता पहले परेशान थे. एम गौड़ा ने स्वीकार किया कि जब यह सीट जेडीएस को दी गई, तब शुरूआत में वह थोड़ी उलझन में थे लेकिन राहुल और अन्य केंद्रीय नेताओं से मिलने के बाद उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपना नाम वापस ले लिया.

उन्होंने कहा, ‘‘मैं दिल्ली में राहुल और अन्य नेताओं से मिला था. राहुल ने मुझे तुमकुरू से बागी उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन वापस लेने को कहा था. मैंने फौरन ही नाम वापस लेने का फैसला किया और देवगौड़ा की मदद शुरू कर दी.’’ बासवराज इस सीट पर कांग्रेस के टिकट पर तीन बार चुनाव जीते हैं जबकि एक बार भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर जीते हैं. उन्हें 2014 के चुनाव में शिकस्त का सामना करना पड़ा था.

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