चांदनी चौक अब पूरी तरह से बदलने वाला है. शॉपिंग करने वाले लोगों को यहां की तंग गलियों में धक्के खाने की जरूरत नहीं होगी. वे सुकून से शॉपिंग कर सकेंगे.
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नई दिल्ली: चांदनी चौक अब पूरी तरह से बदलने वाला है. शॉपिंग करने वाले लोगों को यहां की तंग गलियों में धक्के खाने की जरूरत नहीं होगी. वे सुकून से शॉपिंग कर सकेंगे. पहले की तरह अब आपको गाड़ियों के शोर सुनाई नहीं देंगे, साथ ही सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक नॉन मोटराइज्ड व्हीकल एरिया रहेगा. चांदनी चौक पुनर्विकास और सौंदर्यीकरण योजना के पूरा होने के बाद यहां की ऐतिहासिक शोभा वापस आएगी. हालांकि लॉकडाउन से पहले यहां रोजाना करीब 7 लाख लोगों का आवागमन होता था. इस बाजार में दूर दराज से लोग घूमने आते हैं. लॉकडाउन के बाद यहां के बाजार पर काफी प्रभाव पड़ा है.
चांदनी चौक मेन रोड पर ई-रिक्शा नहीं चलेंगे
परियोजना पूरी होने के बाद चांदनी चौक मेन रोड पर ई-रिक्शा नहीं चलेंगे. यह पूरी तरह से पैदल चलने वालों के लिए होगा. चांदनी चौक के अंदर आने-जाने के लिए केवल रिक्शा उपलब्ध होंगे. इसमें भी एमसीडी ने जितने रिक्शे रजिस्टर्ड किए हैं, वही रिक्शे चलेंगे.
पहले जहां चांदनी चौक पर आपको जगह जगह बिजली के तार और टूटी हुई पाइप-लाइन दिखाई पड़ती थी. वो अब दिखाई नहीं देगी. लोगों को सिर्फ अब एक सुंदर सी लाल सड़क दिखाई पड़ेगी. सड़कों पर पेड़ पौधे भी लगाए गये हैं जो इन सड़कों की शोभा बढ़ा रहे हैं.
नवंबर तक बचा हुआ काम खत्म हो जाने की उम्मीद
चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय भार्गव ने बताया, 'चांदनी चौक पूरी तरह से बदलने जा रहा है. नवंबर तक बचा हुआ काम खत्म हो जाने की उम्मीद है. बाजार सुंदर होने से लोग आकर्षित होंगे और यहां के व्यापार में बढ़ोतरी होगी. इस बाजार में लोगों को अब सहूलियत हो जाएगी. पहले लोगों को परेशानी होती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. चौड़ी सड़कें और गाड़ियों के न होने से लोग आसानी से बाजार में घूम सकेंगे.'
उन्होंने कहा कि दिसम्बर 2018 से जनवरी 2020 तक अच्छा काम रहा, लेकिन लॉकडाउन की वजह से बाजार पर काफी प्रभाव पड़ा. लॉकडाउन के चलते यहां करीब 60 फीसदी दुकानें बंद हो चुकीं हैं. लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि भविष्य में चांदनी चौक में अच्छा काम होगा.
व्यापार में होगी बढ़ोतरी
दुकानदारों का ये भी मानना है कि चांदनी चौक सुंदर होने से अब यहां के व्यापार में बढ़ोतरी होगी. लोग अपने परिवारों के साथ यहां आकर वक्त भी बिता सकेंगे. मेट्रो होने से भी ये बाजार अब मेन स्ट्रीम में आ गया है.
लाल किले के सामने बन रही इस नई सड़क पर सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक किसी भी प्रकार के वाहनों को एंट्री नहीं मिलेगी. अगर कोई वाहन प्रतिबंधित इलाके में जाता है, तो उसपर 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.
ऐसे में लोगों के मन में सवाल है कि बाहर से जो टूरिस्ट दिल्ली आएंगे वह अपने वाहनों को कहां खड़ा करेंगे?
वाहनों की पार्किंग के लिए चांदनी चौक के चारों ओर 4 बड़ी बड़ी पार्किंग बनाई जा रही है. जिसमें गांधी पार्किंग, दंगल मैदान पार्किंग, चर्च मिशन पार्किंग हैं. वहीं परेड ग्राउंड पार्किंग लोगों के लिए शुरू की गई है.
लाल किले से फतेहपुरी मस्जिद तक लगभग 700 दुकानें हैं. वैसे अगर हम पूरे चांदनी चौक में मौजूद दुकानों की बात करें तो ये संख्या सैंकड़ो तक पहुंच जाती है.
आशिका कलेक्शन दुकान चलाने वाले अनीश जैन ने बताया, 'इस बाजार में कुछ दलाल घूमते हैं जो कि ग्राहकों को बेवकूफ बनाकर अपने साथ कुछ दुकानों पर ले जाते हैं जहां उनकी हिस्सेदारी बंधी होती है. ग्राहकों को एक सस्ता प्रोडक्ट महंगे में खरीदवा देते हैं. इस काम के लिए एक दलाल को उस दुकान से 30 फीसदी का हिस्सा मिलता है. इनकी संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. ये लोग मेट्रो से ही लोगों के पीछे लग जाते हैं और संयोजित तरीके से इस काम को किया जा रहा है. हम इस बारे में कई बार शिकायत कर चुके हैं. एसोसिएशन और पुलिस को भी सूचित किया जा चुका है.'
बैग का व्यापार करने वाले राकेश मल्होत्रा ने बताया, 'लंबे समय तक अब कोई नुकसान नहीं हैं. हर व्यापारी अच्छा कारोबार ढूंढता है. अब चांदनी चौक में टूरिस्ट भी आसानी से आ सकता है. पहले की तरह भीड़ नहीं रहेगी. हालांकि हम लोग अभी विचार कर रहे हैं कि जितनी भी यहां बिल्डिंग है उन्हें भी पेंट किया जाए ताकि ये और सुंदर लगे.'
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