LG ने सरकार के फैसले को बदला, ये समय असहमति जताने का नहीं: केजरीवाल
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LG ने सरकार के फैसले को बदला, ये समय असहमति जताने का नहीं: केजरीवाल

 मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 31000 टोटल केस है. 12000 ठीक हुए हैं. 18000 एक्टिव केस हैं.

LG ने सरकार के फैसले को बदला, ये समय असहमति जताने का नहीं: केजरीवाल

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज राजधानी में कोरोना वायरस (coronavirus) की स्थिति को लेकर जानकारी दी. साथ ही कहा कि दिल्ली के अस्पतालों को लेकर जो आदेश एलजी ने दिया, उसे लागू किया जाएगा. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 31000 टोटल केस है. 12000 ठीक हुए हैं. 18000 एक्टिव केस हैं. 900 डेथ हुई है.  31 जुलाई तक कोरोना के 5 लाख 32 मामले दिल्ली में होंगे.  31 जुलाई तक 80 हजार बेड की जरूरत होगी.

अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'उप-राज्यपाल के फैसले को लागू किया जाएगा. केंद्र सरकार के फैसले को हम अक्षरश: लागू कर रहे हैं. एलजी ने​ दिल्ली सरकार का फैसला पलट दिया था और हम उसे लागू कर रहे हैं. ये वक्त असहमति जताने का नहीं है. ये वक्त राजनीति करने का नहीं है. नहीं तो कोरोना हमसे जीत जाएगा. सारी सरकारों, संस्थाओं और पार्टियों को एकजुट होना होगा.'

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सभी की सुरक्षा के लिए मास्क के इस्तेमाल, सोशल डिस्टेंसिंग को एक अभियान बनाएं, जिस तरह से odd-even स्कीम को बनाया था. हमें कोरोना पर नियमों को जन आंदोलन बनाने की जरूत है.

केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में अब सभी का इलाज हो सकेगा. दिल्ली के अस्पतालों में 50 फीसदी बाहरी मरीज हैं. कई लोगों को बेड नहीं मिल पाया. हालांकि दिल्ली में पिछले एक हफ्ते में 1900 लोगों को बेड उपलब्ध कराया गया. ऐप में जो कमियां हैं, वो दूर की जाएंगी जिससे मरीजों को सही जानकारी मिले. 

बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई है. अरविंद केजरीवाल को गले में खराश और बुखार की शिकायत है. उन्‍होंने कल अपना कोरोना टेस्ट करवाया था. मुख्यमंत्री केजरीवाल को डायबिटीज भी है इसलिए खास पर तौर एहतियात बरती जा रही है. 

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आप सभी लोगों का शुक्रिया जिन्होंने दुआ की और ऊपरवाले का आर्शीवाद है कि मैं ठीक हूं.

दिल्ली में मंगलवार को कोविड-19 के 1,366 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या 31,000 के पार चली गई है जबकि अब तक 905 लोग इस बीमारी से जान गंवा चुके हैं.

दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा बुधवार को जारी ताजा बुलेटिन के अनुसार अब भी 18,543 लोगों का इलाज चल रहा है जबकि 11,861 मरीज या तो स्वस्थ हो गए या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई या वे कहीं और चले गए हैं.

मंगलवार को कोई स्वास्थ्य बुलेटिन जारी नहीं किया गया था.

स्वास्थ्य बुलेटिन में कहा गया है कि दिल्ली में 1,366 नए मामले सामने आने के बाद कोविड-19 के मामले बढ़कर 31,309 हो गए हैं.

इसमें कहा गया है कि आठ जून को कुल 34 लोगों की मौत की जानकारी दी गई. इन लोगों की मौत 28 मई से सात जून के बीच हुई.

मौतों की संख्या की जांच करने वाली समिति की विभिन्न अस्पतालों से मिली जानकारी पर आधारित एक रिपोर्ट के अनुसार मृतकों में उन लोगों को शामिल किया गया है जिनमें मौत का प्रमुख कारण कोविड-19 पाया गया.

कोविड-19 के मौत के मामले ‘कम करके’ बताने को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रही दिल्ली सरकार ने हाल ही में कोरोना वायरस के कारण हुई मौतों पर शहर में अस्पतालों और अन्य स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की.

इसमें बताया गया है कि राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार तक कुल 2,61,079 लोगों की कोविड-19 के लिए जांच की गई.

विभाग ने बताया कि घर में पृथक-वास कर रहे कोविड-19 के मरीजों की संख्या 14,556 है. संक्रमण के 320 मरीज वेंटीलेटर्स पर या आईसीयू में हैं. निषेध क्षेत्रों की संख्या 188 है.

दूसरी तरफ दिल्ली सरकार ने कोरोना वायरस (Corona Virus) के बढ़ते मामलों को देखते हुए 22 निजी अस्पतालों को 20 फीसदी से ज्यादा बेड COVID-19 मरीजों के लिए आरक्षित रखने का आदेश दिया है. इस आदेश के साथ ही आरक्षित बिस्तरों की संख्या बढ़कर 1,441 से 3,456 हो जाएगी.

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने शहर में कोविड-19 के हालात की समीक्षा करने के लिए मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों, डीजीएचएस, सीडीएमओ और कोविड-19 के लिए चिह्नित दिल्ली सरकार के अस्पतालों के चिकित्सा निदेशकों के साथ बैठक की थी.

दिल्ली सरकार ने मंगलवार को 22 निजी अस्तपालों को कोरोना वायरस के मरीजों के लिए और बेड आरक्षित करने के निर्देश दिए.

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