आरोपी कलिता ने कोर्ट से अपील की थी की उनका मामला न्यायालय में विचाराधीन है. पुलिस के स्टेटमेंट से उनके परिवार की अवमानना हो रही है. आरोपी का परिवार असम में रहता है.
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नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने सीएए (CAA) के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान पिंजरा ग्रुप की सदस्य देवांगना कलिता को अरेस्ट किया गया था. इस अरेस्टिंग के बाद कलिथा के बारे कई जानकारियां पुलिस द्वारा जारी की जा रही थी. इस मामले में सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायलय ने पुलिस को आदेश दिया कि जब-तक अदालत में इस घटना को लेकर सुनवाई शुरू नहीं होती तब-तक पुलिस कलिता की किसी भी तरह की कोई सूचना प्रसारित ना करे. आरोपी कलिता ने कोर्ट से अपील की थी की उनका मामला न्यायालय में विचाराधीन है. पुलिस के स्टेटमेंट से उनके परिवार की अवमानना हो रही है. आरोपी का परिवार असम में रहता है.
आपको बता दें कि दिल्ली उच्च न्यायलय के न्यायमूर्ति विभु बाखरु ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कहा, "दो जून को दिल्ली पुलिस ने मीडिया को जो प्रेस नोट जारी किया था उसे खारिज नहीं कर सकते". दरअसल कलिथा ने कोर्ट से जारी किए गए प्रेस नोट को खारिज करने की अपील भी की थी. कोर्ट ने जेएनयू छात्रा कलिता के उस अपील पर आदेश सुनाया है जिसमें उन्होंने न्यायलय से कहा था, पुलिस गलत ढंग से उनकी जानकारी लीक कर रही है तथ्यों को छुपाने के लिए.
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बता दें कि पिछले साल दिसंबर में संशोधित नागरिकता कानून CAA के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान पुरानी दिल्ली के दरियागंज इलाके में हुई हिंसा से जुड़े एक मामले में कलिता 23 मई को गिरफ्तार की गई थीं. इस समय वह तिहाड़ जेल में बंद हैं. उनके खिलाफ कुल तीन मामले दर्ज हैं जिसमें उत्तर पूर्वी दिल्ली में इस साल हुए दंगों से जुड़ा मामला भी है.