दिल्ली नगर निगम के पार्षदों का रिपोर्ट कार्ड हुआ जारी, देखिए कौन कितने पानी में
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दिल्ली नगर निगम के पार्षदों का रिपोर्ट कार्ड हुआ जारी, देखिए कौन कितने पानी में

प्रजा फाउंडेशन ने पार्षदों के काम और उपस्थिति से लेकर सदन में पूछे जाने वाले सवालों तक सभी मापदंडों पर परखने के बाद पिछले एक साल का रिपोर्ट कार्ड जारी किया है. ये डेटा विभिन्न RTI के जरिए इकट्ठा किया गया है.

दिल्ली नगर निगम के पार्षदों का रिपोर्ट कार्ड हुआ जारी, देखिए कौन कितने पानी में

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी (Delhi) के तीनों नगर निगमों (Municipal Corporation) में पार्षदों का रिपोर्ट कार्ड (Report Card) जारी कर दिया गया है. प्रजा फाउंडेशन ने पार्षदों के काम और उपस्थिति से लेकर सदन में पूछे जाने वाले सवालों तक सभी मापदंडों पर परखने के बाद पिछले एक साल का रिपोर्ट कार्ड जारी किया है. ये डेटा विभिन्न RTI के जरिए इकट्ठा किया गया है.

क्या कहते हैं उपस्थिति के आंकड़ें
सदन में उपस्थिति की बात करें तो सभी नगर निगमों की अटेंडेंस 2018 के मुकाबले 2020 में कम हुई है. उत्तरी दिल्ली नगर निगम में जहां 2018 में 82% अटेंडेंस थीं, वहीं 2020 में 71% पर पहुंच गई. इसके अलावा दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में 2018 के 75% से घट कर 2020 में 67% पहुंच गया. जबकि पूर्वी दिल्ली नगर निगम में 2018 में 75% के मुकाबले 2020 में घट कर 66% आ गया है. इसमें अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन नजफगढ़ से बीजेपी पार्षद सुमन दागर और साउथ जोन से बीजेपी पार्षद मनीष अग्रवाल का रहा.

सदन में पूछे जाने वाले सवालों में आई कमी
सदन में नगर निगम के पार्षदों की एक बड़ी जिम्मेदारी होती है. जनता के मुद्दों पर सवाल करना आदि. लेकिन आंकड़ों की माने तो तीनों नगर निगमों में सदन में पूछे जाने वाले सवालों में कमी आई है. उत्तरी दिल्ली नगर निगम में जहां 2018 में 8277 सवाल पूछे गए, 2019 में 10,163 और 2020 में ये गिरकर 5353 ही रह गए. इसके अलावा दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में जहां 2018 में 6,696 सवाल पूछे गए वहीं 2019 में 5,989 और 2020 में 4,865 सवाल पूछे गए. पूर्वी दिल्ली नगर निगम की बात करें तो 2018 में जहां 3155 सवाल पूछे गए वहीं 2020 में घट कर 2661 पहुंच गए.

इस मुद्दे पर पूछे गए सबसे ज्यादा सवाल
नगर निगमों में परिषदों ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर सबसे ज्यादा सवाल किए. इसके बाद दुकानों के लाइसेंस, शिक्षा, सड़क, बगीचे, मानव संसाधन, स्वास्थ, बिल्डिंग और राजस्व के मुद्दे हैं. 

जनता की परेशानियों का एक भी सवाल नहीं पूछा
दिल्ली के तीनों नगर निगमों में कई ऐसे भी पार्षद हैं जिन्होंने पिछले एक साल में तक जनता की परेशानियों पर एक भी सवाल नहीं उठाया है. इनमे नरेला जोन से आम आदमी पार्टी के काउंसलर रीना देवी, रोहिणी से बीजेपी काउंसलर विनय रावत, सदर पहाड़गंज से आम आदमी पार्टी काउंसलर शाहीन, वेस्ट जोन से बीजेपी काउंसलर अमरजीत सिंह, नजफगढ़ से एक कांग्रेस पार्षद नीलम, सेंट्रल जोन से चन्द्र प्रकाश, शाहदरा से कांग्रेस पार्षद परवीन के नाम शामिल हैं. 

ये पार्टी रही नंबर 1
सभी मापदंड मिलाकर अगर पार्टी के तौर पर देखा जाए तो सबसे अच्छा प्रदर्शन भाजपा के पार्षदों का रहा है, जिनको तीनों नगर निगमों के कुल मिलाकर 60.98 अंक मिले हैं. इसके बाद आम आदमी के पार्षदों को 58.63, कांग्रेस पार्षदों को 44.49 अंक मिले हैं.

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