चिकित्सा विभाग के मुख्यालय की बात की जाए तो इस साल अब तक एक भी मौत डेंगू से नहीं हुई है.
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जयपुर: राजस्थान में बारिश के बाद अब प्रदेशभर में डेंगू का डंक एक्टिव हो चुका है. आलम ये है कि सबसे ज्यादा डेंगू पॉजिटिव मामले राजधानी जयपुर से सामने आए हैं. सरकार हर स्तर पर बेहतर मॉनिटरिंग की कोशिश भी कर रही है. लेकिन स्वास्थ्य निदेशालय और SMS अस्पताल के आंकड़े मेल नहीं खा रहे. डेंगू को लेकर SMS अस्पताल में 1 जनवरी 2019 से 14 अक्टूबर तक 6 मौत बताई जा रही हैं. लेकिन स्वास्थ्य निदेशालय 14 अक्टूबर तक डेंगू से एक भी मौत नहीं बता रहा.
अब इसे तकनीकी खामी समझा जाए या सूबे के चिकित्सा अधिकारी डेंगू से हो रही मौतों पर सरकार को गुमराह कर रहे हैं. यूं तो चिकित्सा विभाग मौसमी बीमारियों की रोकथाम को लेकर करोड़ों रुपये खर्च कर रहा है. लेकिन जमीनी सच्चाई ये है कि सरकारी एजेंसियों में बीमारियों के डेटा को लेकर ही कॉर्डिनेशन नहीं है. और स्थिति असमजंस वाली है. चिकित्सा विभाग के मुख्यालय की बात की जाए तो इस साल अब तक एक भी मौत डेंगू से नहीं हुई है. जबकि एसएमएस अस्पताल प्रशासन के मुताबिक अकेले एसएमएस में इस साल अक्टूबर तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है.
प्रदेश में डेंगू के डंक के सरकारी आकंड़ों को लेकर जो असमजंस की स्थिति बनी हुई है उस पर चिकित्सा विभाग ने स्थिति साफ़ की है. चिकित्सा विभाग ने 14 अक्टूबर तक के ताजा सरकारी आंकड़ों को सामने रखते हुए कहा है कि प्रदेश में बारिश के चलते मौसमी बीमारियों के मरीज ज्यादा सामने आए हैं लेकिन स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है.
वहीं डेंगू के आंकड़ों को लेकर विभाग का कहना है कि भारत सरकार की तरफ से डेंगू को लेकर जो गाइड लाइन जारी की गई है उसके मुताबिक वैध सरकारी आंकड़े ही दर्ज किए जा रहे हैं. दरअसल, भारत सरकार की गाइड लाइन के मुताबिक डेंगू के एलाइजा टेस्ट में अगर कोई मरीज पॉजिटिव पाया जाता है तो उसे सरकारी आंकड़ों में दर्ज किया जाता है. क्योंकि डेंगू को लेकर एलाइजा टेस्ट को ही भारत सरकार की तरफ से वैध माना जाता है.
डेंगू के लक्षण कुछ इस प्रकार होते हैं. अचानक बुखार आना, सिर में आगे की तरफ तेज दर्द होना, आंखों के पीछे और आंखों के हिलने में दर्द होना, मांसपेशियों जोड़ों में दर्द होना, स्वाद का पता न चलना और भूख न लगना, लेकिन डेंगू कोई लाइलाज बीमारी नहीं है. अगर इससे एहतियात बरता जाए तो ये दूर हो सकती है. डेंगू से बचाव करने के लिए घर में मच्छरों को न पनपने दें. किसी भी जगह पानी एकत्र न होने दें. पूरे शरीर को ढाक कर रखें. बीमारी के लक्षण दिखने पर चिकित्सक से सम्पर्क करें. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी डेंगू से हो रही मौतों के आंकड़ों को लेकर जो असमजंस की स्थिति है उसके पीछे की वजह जांच के पैटर्न को बता रहे हैं, लेकिन इससे जिम्मेदारों ने सरकारी प्रक्रिया को सवालों के घेरे में जरूर खड़ा कर दिया है.