महाराष्ट्र के कई जनजातीय बच्चों की मौत को लेकर विपक्ष के निशाने पर आई राज्य सरकार ने उनके लिए अपनी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए द्विस्तरीय प्रारुप पर गौर किया है.
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मुम्बई: महाराष्ट्र के कई जनजातीय बच्चों की मौत को लेकर विपक्ष के निशाने पर आई राज्य सरकार ने उनके लिए अपनी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए द्विस्तरीय प्रारुप पर गौर किया है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सरकार कुपोषण के मामलों में कमी लाने के लिए श्रेष्ठ पद्धतियां अपना रही है और उसके बड़े परिणाम सामने आए हैं. द्विस्तरीय प्रारुप के तहत मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक संचालन समिति होगी. जनजाति विकास विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इसके अलावा मुख्य सचिव की अगुवाई वाली एक अन्य कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति विभिन्न विभागों की योजनाओं के क्रियान्वयन की निगरानी करेगी.
सीएम की अगुवाई वाली समिति हर छह माह पर करेगी योजनाओं की समीक्षा
उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र सरकार ने गुजरात के जनजाति विकास के इस तरह के मॉडल से सीख ली है जहां मुख्यमंत्री की अगुवाई वाली समिति हर छह माह पर विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा करती है. उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों के बीच तालमेल की कमी और नौकरशाहों के बीच अहम के टकराव की समस्या से निबटने के लिए गुजरात सरकार ने राज्य के मुख्य सचिव की अगुवाई में एक अन्य कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति बना रखी है. हर तीन महीने पर यह समिति विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन, धन आवंटन और उसके उपयोग की समीक्षा करती है.
उन्होंने कहा कि चूंकि यह समिति मुख्यमंत्री को कार्यक्रमों की प्रगति की सूचना देने के लिए बाध्य होती है, इसलिए कोई भी विभागीय सचिव निर्देशों की अनदेखी नहीं कर सकता.
(इनपुट भाषा से)