ठंड से ठिठुरते भूखे भिखारी की मदद को आगे आए डीएसपी, और फिर......
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ठंड से ठिठुरते भूखे भिखारी की मदद को आगे आए डीएसपी, और फिर......

मनीष के परिवार के कई सदस्य पुलिस विभाग में रहे हैं और उनकी बहन भी एक अच्छे पद पर है. इतना ही नहीं मनीष की पत्नी भी न्यायिक सेवा में अधिकारी हैं. 

ठंड से ठिठुरते भूखे भिखारी की मदद को आगे आए डीएसपी, और फिर......

ग्वालियर: कई बार फिल्मों जैसी कहानियां हकीकत में भी सामने आती हैं, ऐसी ही एक कहानी मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्वालियर में सामने आई जहां दो पुलिस अधिकारियों को अपना लगभग 15 साल पुराना साथी सड़क पर ठिठुरता हुआ भिखारी के तौर पर मिला.
मिली जानकारी के अनुसार, वाक्या कुछ दिन पहले का है जब ग्वालियर के उपचुनाव की मतगणना के दौरान पुलिस उपाधीक्षक (DSP) रत्नेश सिंह तोमर (Ratnesh Kumar) और विजय भदौरिया झांसी रोड क्षेत्र से गुजर रहे थे, तभी उन्हें फुटपाथ पर ठिठुरता हुआ एक अधेड़ भिखारी दिखा. इन पुलिस अफसरों ने अपनी गाड़ी रोक कर उस भिखारी की मदद की कोशिश की. रत्नेश ने अपने जूते और विजय ने जैकेट उसे दे दी ,इतना ही नहीं दोनों ने उससे बातचीत भी की.

  1. 10 साल से ज्यादा समय से सड़क पर है ये पुलिस वाला
  2. सामाजिक संस्था मनीष की उसकी देखभाल कर रही है 
  3. फिलहाल मनीष का इलाज चल रहा है
  4.  

10 साल से ज्यादा समय से सड़क पर है ये पुलिस वाला 
मिली जानकारी के अनुसार दोनों को बातचीत में इस बात का एहसास हुआ कि यह तो उनका पुराना साथी मनीष मिश्रा (Manish Mishra) है जो कभी उनके साथ पुलिस अफसर था. मनीष मिश्रा के बारे में बताया जाता है कि वह निशानेबाज हुआ करता था और उसने 1999 में पुलिस की नौकरी ज्वाइन की थी और वह राज्य के कई हिस्सों में थानेदार के पद पर भी रहा. वर्ष 2005 तक उसकी नौकरी चलती रही उसके बाद उसका मानसिक संतुलन बिगड़ा और वह घर से भाग गया. मनीष को जानने वाले बताते हैं कि उसकी काफी खोज खबर की गई मगर पता नहीं चला. इस दौरान उसका परिवार भी बिखर गया और पत्नी ने तलाक ले लिया. कहा तो यह जा रहा है कि मनीष बीते 10 साल से ज्यादा समय से सड़क पर ही वक्त गुजार रहा है और भीख मांग कर अपना जीवन चलाता है.

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सामाजिक संस्था मनीष की उसकी देखभाल कर रही है
रत्नेश और विजय ने मनीष को पुरानी बातों को याद दिलाने की कोशिश की और अपने साथ चलने को भी कहा मगर वह तैयार नहीं हुआ, बाद में मनीष को सामाजिक संस्था के सुपुर्द कर दिया गया और अब वही संस्था उसकी देखभाल कर रही है. मनीष के परिवार के कई सदस्य पुलिस विभाग में रहे हैं और उनकी बहन भी एक अच्छे पद पर है. इतना ही नहीं मनीष की पत्नी भी न्यायिक सेवा में अधिकारी हैं. फिलहाल मनीष का इलाज चल रहा है. (इनपुट आईएएनएस )

 

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