शहर की एक अदालत ने कुछ दिन पहले ही वाड्रा को जांच एजेंसी के समक्ष पेश होने के लिए कहा था. आज भी हो सकती है पूछताछ.
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नई दिल्ली : विदेश में कथित तौर पर अवैध संपत्ति रखने के संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ेे एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा से करीब साढ़े पांच घंटे तक पूछताछ की. शहर की एक अदालत ने कुछ दिन पहले ही वाड्रा को जांच एजेंसी के समक्ष पेश होने के लिए कहा था.
वाड्रा की पत्नी प्रियंका गांधी सफेद टोयोटा लैंड क्रूजर गाड़ी में रॉबर्ट के साथ मध्य दिल्ली के जामनगर हाउस स्थित एजेंसी के दफ्तर के बाहर तक उनके साथ गईं. इस कदम को लोकसभा चुनावों से पहले कांग्रेस विरोधियों के लिए राजनीतिक संदेश के तौर पर देखा जा रहा है. वाड्रा रात करीब नौ बजकर 40 मिनट पर उसी कार से ईडी कार्यालय से अकेले लौट गए. उनकी वकील सुमन ज्योति खेतान ने कहा कि वाड्रा ने सारे सवालों के जवाब दिए.
खेतान ने ईडी कार्यालय के बाहर इंतजार कर रहे मीडियाकर्मियों से कहा, ‘‘उनके खिलाफ लगे सारे आरोप झूठे हैं. हम जांच एजेंसी के साथ शत प्रतिशत सहयोग करेंगे.’’ अधिकारियों ने बताया कि वाड्रा को गुरुवार को फिर बुलाया गया है. वाड्रा को ईडी कार्यालय छोड़ने के बाद प्रियंका ने अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रभारी का पदभार संभाला. उन्हें 23 जनवरी को कांग्रेस में औपचारिक रूप से शामिल किया गया था. वाड्रा से ईडी की पूछताछ के बारे में एक सवाल के जवाब में प्रियंका ने कहा, “वह मेरे पति हैं, वह मेरा परिवार हैं... मैं अपने परिवार के साथ खड़ी हूं.”
अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के दफ्तर में पत्रकारों ने प्रियंका से पूछा था कि क्या वह पूछताछ के लिए अपने पति को ईडी के दफ्तर छोड़ने के जरिए कोई संदेश देना चाहती हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या यह राजनीतिक बदला है, उन्होंने कहा कि हर किसी को पता है कि यह क्यों किया जा रहा है.
प्रियंका की नियुक्ति के दिन वाड्रा ने फेसबुक पर उन्हें भावनात्मक संदेश भेजा था, ‘‘बधाई पी... तुम्हारी जिंदगी के हर चरण में मैं तुम्हारे साथ हूं. तुम अपना श्रेष्ठ दो.’’ यह पहला मौका है जब संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद वाड्रा संदिग्ध वित्तीय लेन-देन के आपराधिक आरोपों के सिलसिले में किसी जांच एजेंसी के समक्ष पेश हुए हैं.
मीडियाकर्मियों की भीड़ के बीच से होकर वाड्रा करीब तीन बजकर 47 मिनट पर ईडी के दफ्तर में दाखिल हुए. उनके वकीलों का एक दल पहले ही वहां पहुंच चुका था. पूछताछ के लिए जाने से पहले उन्होंने वहां हाजिरी रजिस्टर में अपने दस्तखत किए. वाड्रा ने अवैध विदेशी संपत्ति से जुड़े आरोपों से इनकार किया है और आरोप लगाया कि राजनीतिक हित साधने के लिए उन्हें ‘‘परेशान’’ किया जा रहा है.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि तीन ईडी अधिकारियों के दल ने वाड्रा से लंदन की कुछ अचल संपत्तियों के लेनदेन, खरीद और कब्जे को लेकर एक दर्जन सवाल पूछे और उनका बयान धन शोधन निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज किया.
समझा जाता है कि वाड्रा से लंदन की एक संपत्ति के सौंदर्यीकरण के संबंध में एजेंसियों द्वारा बरामद की गई खास ईमेलों के सिलसिले में फरार और विवादास्पद रक्षा डीलर संजय भंडारी और उसके रिश्तेदार सुमित चड्ढा के साथ उनके संबंधों के बारे में भी पूछताछ की गई. दिल्ली की एक अदालत ने दो फरवरी को वाड्रा को ईडी से सहयोग करने को कहा था. वाड्रा ने इस धनशोधन मामले में अग्रिम जमानत के लिये अदालत का दरवाजा खटखटाया था.
अदालत ने उनसे लंदन से लौटने के बाद बुधवार को ईडी के समक्ष पेश होने के कहा था. वाड्रा से पूछताछ को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि संप्रग सरकार के दौरान हुए पेट्रोलियम और रक्षा सौदों में उन्हें घूस मिली.
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि वाड्रा को संप्रग सरकार के सत्ता में रहते हुए 2008-09 में पेट्रोलियम और रक्षा सौदों में लाभ मिला. उन्होंने कहा कि रिश्वत के इस पैसे से उन्होंने लंदन में आठ-नौ संपत्तियां खरीदीं. पात्रा ने हालांकि अपने दावों के समर्थन में कोई साक्ष्य नहीं दिए.
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘चुनावी मौसम चल रहा है. हम जानते हैं कि जब सम्मन के जवाब दिए जाएंगे तो संवाददाता सम्मेलन होंगे. वह (वाड्रा) सम्मन के जवाब में वहां गए.’’ उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि भाजपा के पास जांच के लिए पूरे साढ़े चार साल थे लेकिन वे कुछ नहीं खोज सके.
उन्होंने दावा किया, ‘‘यह गुमराह करने की कोशिश है और चुनाव से पहले एक माहौल बनाने की प्रयास है। जनता यह जानती है. ईडी, सीबीआई और दूसरी एजेंसियां पांच साल में कुछ नहीं पा सकीं. यह सिर्फ चुनावी जुमलेबाजी है.’’ यह मामला लंदन में 12 ब्रायनस्टन स्क्वायर पर 19 लाख पाउंड (जीबीपी) की संपत्ति की खरीद में कथित रूप से धनशोधन के आरोप से संबंधित है. यह संपत्ति कथित तौर पर रॉबर्ट वाड्रा की है.
इस जांच एजेंसी ने अदालत से यह भी कहा था कि उसे लंदन की कई नयी संपत्तियों के बारे में सूचना मिली है जो वाड्रा की है. उनमें पचास और चालीस लाख के दो घर तथा छह अन्य फ्लैट एवं अन्य संपत्तियां हैं. ईडी ने पिछले साल दिसंबर में इस मामले में छापा भी मारा था और वाड्रा से जुड़ी कंपनी स्काईलाईट हॉस्पिटैलिटी एलएलपी के कर्मचारी मनोज अरोड़ा से पूछताछ की थी.
जांच एजेंसी ने अदालत से कहा था कि उसने अरोड़ा के खिलाफ पीएमएलए का मामला दर्ज किया था क्योंकि भंडारी के खिलाफ 2015 के कालाधन कानून के तहत आयकर विभाग द्वारा एक अन्य मामले की जांच के दौरान उसकी भूमिका के बारे में जानकारी मिली थी. एजेंसी ने आरोप लगाया था कि लंदन की संपत्ति भंडारी ने 19 लाख पाउंड में खरीदा था और उसके सौंदर्यीकरण पर करीब 65,900 पाउंड का खर्च आने के बावजूद उसे 2010 में उसी कीमत पर बेच दिया.
ईडी ने अदालत में दावा किया था, ‘‘इससे इस तथ्य को दम मिलता है कि भंडारी उस संपत्ति का असली मालिक नहीं था बल्कि उस संपत्ति का स्वामित्व वाड्रा थे जो इसके सौंदर्यीकरण पर खर्च का बोझ उठा रहे थे.’’ ईडी ने आरोप लगाया था कि अरोड़ा इस मामले में अहम व्यक्ति है और उसे वाड्रा की विदेशी अघोषित संपत्तियों की जानकारी थी.