तब्लीगी जमात से जुडे़ विदेशी नागरिकों को ब्लैकलिस्ट करने वाले गृह मंत्रालय के आदेश के खिलाफ याचिका पर आज सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने केंद्र पर ये आरोप लगाए हैं.
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नई दिल्ली: तब्लीगी जमात (Tablighi Jamaat) से जुडे़ विदेशी नागरिकों को ब्लैकलिस्ट करने वाले गृह मंत्रालय के आदेश के खिलाफ याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई जारी है. कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए याचिकाकर्ताओं ने बताया कि वीजा रद्द किए जाने या ब्लैक लिस्ट किये जाने को लेकर सरकार की ओर से कोई आधिकारिक आदेश पास नहीं किया गया है. बल्कि सिर्फ एक प्रेस रिलीज जारी करके उनके पासपोर्ट जब्त कर लिए गए हैं.
उन्होंने बताया कि जब जमानत की मांग को लेकर कुछ विदेशी लोगों की अर्जी पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी, तब भी सरकार की ओर से ऐसा कोई आदेश कोर्ट में पेश नहीं किया गया था. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा, 'हमारी हमारी समझ के मुताबिक प्रत्येक व्यक्ति के केस में अलग से आदेश पास किया जाना चाहिए था, पर हमारे पास सिर्फ एक प्रेस रिलीज है. हम ये जानना चाहते है कि क्या प्रत्येक व्यक्ति के लिए आदेश जारी हुए?'
कोर्ट के इस सवाल पर केन्द्र सरकार की तरफ से सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता कुछ देर बाद सरकार का पक्ष रखेंगे. बता दें कि सात विदेशी नागरिकों ने MHA के इस कदम को असंवैधानिक बताते हुए ये दाखिल की है. इसमें उन्होंने कोर्ट से ब्लैक लिस्ट से नाम हटाने और अपने देश वापस लौटने की इच्छा जताई. गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में कोर्ट ने याचिका पर राज्य सरकार और केंद्र सरकार का पक्ष मांगा था. जिसे आज कोर्ट में रखा जाएगा.
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