गोंदिया: मतदान कराकर दंपति ने रखा अपने बच्चे का नाम, बैलेट पेपर से डाले गए वोट
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गोंदिया: मतदान कराकर दंपति ने रखा अपने बच्चे का नाम, बैलेट पेपर से डाले गए वोट

दंपति ने बच्चे का नाम रखने के लिए बाकायदा बैलेट पेपर से मतदान करवाया. बच्चे के लिए माता-पिता ने तीन नाम दिए थे जिसके लिए 149 रिश्तेदारों ने मतदान किया. 

गोंदिया: मतदान कराकर दंपति ने रखा अपने बच्चे का नाम, बैलेट पेपर से डाले गए वोट

माधव चंदनकर, गोंदिया: महाराष्ट्र के एक दंपति ने अपने बच्चे का नाम रखने के लिए अनोखा तरीका चुना. उन्होंने कुंडली, परिजनों या फिर दोस्तों में से किसी एक पर भरोसा नहीं दिखाया बल्कि उन्होंने इसके लिए मतदान का सहारा लिया. दंपति ने बच्चे का नाम रखने के लिए बाकायदा बैलेट पेपर से मतदान करवाया. बच्चे के लिए माता-पिता ने तीन नाम दिए थे जिसके लिए 149 रिश्तेदारों ने मतदान किया. 

  1. बच्चे के नामकरण के लिए बॅलेट पेपर से कराया मतदान 
  2. रिश्तेदारों ने मतदान से किया बच्चे का नामकरण 
  3. तीन नामों के लिए 149 रिश्तेदारों ने किया मतदान 

मामला महाराष्ट्र के विदर्भ स्थित गोंदिया जिले का है. जानकारी के मुताबिक 5 अप्रैल को जन्मे इस बच्चे का 15 जून को मतदान के जरिए नामकरण किया गया. दरअसल, बच्चे की कुंडली देखकर ज्योतिष ने 'य' अक्षर से तीन नाम सुझाए थे. यक्ष, युवान और यौविक. नामकरण के लिए तीनों नाम बॅलेट पेपर पर लिखे गए और मतदान की प्रक्रिया शुरू की गई. 
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ज्योतिष ने सुझाए थे तीन नाम
बच्चे के पिता मिथुन बंग ने बताया कि 149 रिश्तेदारों में से 92 ने युवान नाम के लिए वोट डाला. बहुमत से युवान नाम चुना गया. उन्होंने कहा कि हिंदू पंरपरा के अनुसार ही हम बच्चे का नाम रखना चाहते थे. ज्योतिष ने बच्चे की कुंडली बनाई और बताया कि राजनीति में उसकी रूचि होगी. इसलिए हमने सोचा कि बच्चे का नामकरण भी मतदान प्रक्रिया से ही किया जाए. 
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कुछ यादगार करने की चाहत  
बच्चे की मां मानसी बंग ने कहा कि हम अपने बच्चे के लिए कुछ अलग और यादगार करना चाहते थे. इसलिए मतदान के जरिए उसका नामकरण करवाने का फैसला लिया गया. नाम के लिए मतदान करने आए परिवार के एक रिश्तेदार रश्मी राठी ने कहा कि हमने अब तक राजनेताओं के लिए ही मतदान किया था. आज पहली बार बच्चे के नाम के लिए वोट दे रहे हैं. 

कांग्रेस नेता ने क्या कहा
भंडारा-गोंदिया के पूर्व सांसद नाना पटोले ने चुटकी लेते हुए कहा कि बैलेट पेपर से मतदान करवाकर परिवार ने इसपर अपना भरोसा दिखाया है. उन्होंने कहा कि यह दर्शाता है कि बैलेट पेपर ईवीएम से बेहतर विकल्प है. चुनाव आयोग को भी इस बारे में सोचना चाहिए. आपको बता दें कि नाना पटोले भाजपा का दामन छोड़ कांग्रेस में आ गए थे जिसके कारण भंडारा-गोंदिया लोकसभा सीट खाली हो गई थी. यहां हाल ही में हुए उपचुनाव में एनसीपी के नेता मधुकर कुकड़े ने जीत हासिल की. 

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