कोर्ट ने हार्दिक पटेल की पुलिस हिरासत 3 नवंबर तक बढ़ाई
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कोर्ट ने हार्दिक पटेल की पुलिस हिरासत 3 नवंबर तक बढ़ाई

पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल की पुलिस हिरासत अहमदाबाद की एक अदालत ने दो दिन और बढ़ाकर तीन नवंबर तक कर दी। हार्दिक पर राजद्रोह और सरकार के खिलाफ जंग छेड़ने का आरोप है।

अहमदाबाद : पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल की पुलिस हिरासत अहमदाबाद की एक अदालत ने दो दिन और बढ़ाकर तीन नवंबर तक कर दी। हार्दिक पर राजद्रोह और सरकार के खिलाफ जंग छेड़ने का आरोप है।

अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सी जी मेहता ने नगर पुलिस की अपराध शाखा के आवेदन पर यह आदेश दिया। अपराध शाखा ने हार्दिक को सात दिन के लिए और रिमांड की देने की मांग की थी।

हार्दिक को अपराध शाखा ने अदालत के समक्ष तब पेश किया जब उसकी रिमांड की अवधि आज समाप्त हो गई और विभिन्न आधार पर और रिमांड की मांग की।

अपराध शाखा का प्रतिनिधित्व कर रहे लोक अभियोजक वनराजसिंह जेबालिया ने रिमांड आवेदन में कहा कि पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) के संयोजक हार्दिक जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।

जेबालिया ने अदालत से कहा कि जांच एजेंसी ने पाया कि यहां जीएमडीसी मैदान पर 25 अगस्त को विशाल रैली करने के बाद पीएएएस सदस्यों ने समूचे राज्य में मोबाइल मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर कम से कम 452 अलग-अलग समूह बनाए।

जांच एजेंसी ने दलील दी कि ‘‘भड़काउ संदेश’’ फैलाने में उनकी भूमिका को जानने के लिए इन समूहांे के सभी एडमिनिस्ट्रेटरों का पता लगाने की आवश्यकता है।

अपराध शाखा ने कहा कि इन एडमिनिस्ट्रेटरों के जिरह के लिए हार्दिक की हिरासत की आवश्यकता है, जिन्हें रैली के बाद समूचे राज्य में अशांति फैलाने के लिए उनसे निर्देश मिला होगा।

अपराध शाखा ने कहा कि अपना आंदोलन चलाने के लिए पीएएएस को देश और विदेश से मिले धन का ब्योरा जानने की आवश्यकता है।

अपराध शाखा ने 21 अक्तूबर को हार्दिक और पांच अन्य के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया था। उनपर भारतीय दंड संहिता की धारा 121 (सरकार के खिलाफ जंग छेड़ने), धारा 124 (राजद्रोह), धारा 153-ए (अलग-अलग समुदायों के बीच शत्रुता को प्रोत्साहन देने) और 153 बी के तहत मामला दर्ज किया था।

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