अस्पताल की तानाशाही! प्रसव पीड़ा से तड़पती महिला, पति होम क्वारंटीन इसलिए नहीं किया भर्ती
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अस्पताल की तानाशाही! प्रसव पीड़ा से तड़पती महिला, पति होम क्वारंटीन इसलिए नहीं किया भर्ती

कोरोना की दहशत में डॉक्टर अपना धर्म भी भूल गए. जिला अस्पताल टिहरी में एक प्रसव पीड़ित को डॉक्टरों ने इसीलिए भर्ती करने से इंकार कर दिया कि उसका पति होम क्वारंटीन में है.

प्रतीकात्मक फोटो

मुकेश पनवार, टिहरी: कोरोना वायरस (Coronavirus) की दहशत में डॉक्टर अपना धर्म भी भूल गए. जिला अस्पताल टिहरी में रविवार को एक प्रसव पीड़ित को डॉक्टरों ने इसीलिए भर्ती करने से इंकार कर दिया कि उसका पति होम क्वारंटीन में है. जब मामला तूल पकड़ने लगा तो एसडीएम, पुलिस प्रशासन और सीएमएस के हस्तक्षेप के बाद पीड़ित महिला को मजबूरन 3 घंटें बाद भर्ती करना पड़ा.

दरअसल टिहरी जिला अस्पताल बौराड़ी हिमालयन अस्पताल जॉलीग्रांट देहरादून के हाथों में पीपीपी मोड पर संचालित हो रहा है. नियमों के फेर में एक गर्भवती महिला को जिला अस्पताल में तीन घंटे से ज्यादा ऐसी फजीहत झेलनी पड़ी. वहीं उसके परिजन भी परेशान रहे.

थौलधार ब्लॉक के बंगियाल गांव निवासी गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने पर उसके परिजन जिला अस्पताल बौराड़ी लेकर आए. लेकिन वहां जैसे ही डॉक्टर को पता चला कि गर्भवती महिला के पति तीन मई को दिल्ली से घर आए हैं और होम क्वारंटाइन हैं. तो डॉक्टरों ने गर्भवती महिला की डिलीवरी करवाने से इंकार कर दिया. डॉक्टरों ने प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला को जॉलीग्रांट दून के लिए रेफर का पर्चा थमा दिया.

जिसके बाद जैसे ही इस मामले का पता चला तो अस्पताल के सीएमएस ने प्रसव जिला अस्पताल में ही करवाने को हिमालयन अस्पताल के प्रबंधक को कहा तो उन्होंने भी प्रसव करवाने से साफ मना कर दिया.

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सीएमएस डॉक्टर अमित राय से प्रबंधन के अधिकारी पुनीत गुप्ता ने बहस बाजी पर उतर आए. सीएमएस डा. अमित राय ने बताया कि पीपीई किट पहनकर महिला का प्रसव करवाने के लिए कहा गया. मामले के तूल पकड़ने के बाद सीएमएस, पुलिस और प्रशासन के दखल के बाद देर शाम को 8 बजे के बाद हिमालयन अस्पताल के संचालन वाले जिला अस्पताल में महिला का उपचार शुरू किया गया.

गर्भवती महिला के पति ने बताया कि पत्नी की डिलीवरी करवाने के लिए डॉक्टर ओटी में लेकर गए. लेकिन वहां पर जैसे ही मेरी पत्नी ने डॉक्टरों को बताया कि उसके पति तीन मई को दिल्ली से गांव आए थे और होम क्वारंटाइन में हैं तो डॉक्टर ने डिलीवरी करवाने से इंकार कर दिया.

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