यह खबर उन लोगों को बहुत बड़ी राहत दे सकती है जो कोरोना का टेस्ट कराना तो चाहते हैं लेकिन सरकारी तंत्र उनका टेस्ट करने को तैयार नहीं है या फिर वह लाइनों में लगकर थक चुके हैं .
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नई दिल्ली: यह खबर उन लोगों को बहुत बड़ी राहत दे सकती है जो कोरोना का टेस्ट कराना तो चाहते हैं लेकिन सरकारी तंत्र उनका टेस्ट करने को तैयार नहीं है या फिर वह लाइनों में लगकर थक चुके हैं और उनका नंबर नहीं आ रहा.
आईसीएमआर यानी इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च ने प्राइवेट लैब से कोरोना वायरस के टेस्ट के दाम घटाने की अपील की है आईसीएमआर का तर्क है कि जब देश में कोरोनावायरस के टेस्ट शुरू हुए थे तब लैब भी ज्यादा नहीं थी और टेस्टिंग किट के लिए भारत विदेशी सामान के ही भरोसे था लेकिन अब टेस्टिंग किट भारत में बनने लगी हैं और लैब की संख्या भी 2 से बढ़कर 610 पहुंच चुकी है.
ऐसे में घरेलू किट्स की उपलब्धता भी है और टेस्ट करने वालों की ज्यादा संख्या भी. लिहाजा अब प्राइवेट लैब को दाम घटाने के बारे में विचार करना चाहिए. खासतौर पर गांव देहात में रहने वाले लोग जो इतना महंगा टेस्ट नहीं करवा सकते उनका ख्याल रखते हुए 4500 रुपए की कीमत को अब कम किए जाने की जरूरत आ चुकी है.
भारत के पास आज 610 लैब हैं जिनमें से 432 सरकारी और 178 प्राइवेट हैं. भारत में एक दिन में अब डेढ़ लाख के करीब टेस्ट किए जा रहे हैं. आईसीएमआर का दावा है कि जल्द ही रोजाना 2 लाख टेस्ट किए जाएंगे.
घर में किसी एक व्यक्ति को भी कोरोना के लक्षण हो जाए, तो पूरे घर का टेस्ट कराने की नौबत आ जाती है. अगर सरकारी सिस्टम आपका टेस्ट कराने को तैयार न हो, या फिर लाइनों में लगकर और लंबे इंतजार के बाद टेस्ट कराना मुमकिन नहीं हो रहा हो तो बहुत से लोग केवल प्राइवेट लैब्स के भरोसे रह जाते हैं. ऐसे में अगर लैब जांच की कीमत को घटा लेते हैं, तो लोगों को सहूलियत होगी.
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