राजस्थान(Rajasthan) में गहलोत सरकार(Gehlot Government)के राज में शिक्षक(teacher)सैलरी तो मोटी ले रहे हैं लेकिन ग्रामीण इलाकों(Rural areas)में शिक्षा का हाल जानकर आप दंग रह जाएंगे.
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भूपेश आचार्य, बाड़मेर: राजस्थान(Rajasthan) में गहलोत सरकार(Gehlot Government)के राज में शिक्षक (teacher)सैलरी तो मोटी ले रहे हैं लेकिन ग्रामीण इलाकों(Rural areas)में शिक्षा का हाल जानकर आप दंग रह जाएंगे.
आलम यह है कि गुरुवार को बाड़मेर(Barmer)जिला मुख्यालय से चंद किलोमीटर दूर ग्रामीणों ने बच्चों के साथ मिलकर स्कूल पर ताला जड़ दिया. बच्चों का यह आरोप है कि जो शिक्षक स्कूल में लगे हुए हैं वह महज खानापूर्ति करने के लिए स्कूल आते हैं ना तो पढ़ाई करवाते हैं ना ही समय पर आते है.
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि इस बात को लेकर कई बार शिक्षा विभाग को की गई शिकायतों पर कोई सुनवाई नहीं हुई. जिस कारण राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय पाताणियो की ढाणी में पिछले 1 साल भर से हमारे 126 बच्चों के भविष्य अधर में हैं. बताया जा रहा है कि यहां 4 टीचर कार्यरत हैं. लेकिन ज्यादातर टीचर समय पर स्कूल नहीं आते हैं.
बच्चे बताते हैं कि ना तो स्कूल में पढ़ाई होती है ना ही पोषाहार का खाना मिलता है. अगर मिलता भी है तो सरकारी नियमों के हिसाब से पूरा नहीं मिलता है. इस बात को लेकर कई बार शिक्षकों को बताने के बावजूदन कोई सुनने को तैयार नहीं है.
इस दौरान विरोध में ग्रामीणों ने आज स्कूल के गेट पर सुबह 7:30 बजे ताला जड़ दिया. ग्रामीणों का आरोप है कि यहां के प्रधानाध्यापक 10:00 बजे के आसपास स्कूल आते हैं और 12:00 बजे चले जाते हैं और कभी भी बच्चों को नहीं पढ़ाते हैं.
शिक्षा विभाग के जुड़े अधिकारियों का कहना है कि इस तरीके की शिकायत मिली थी. मौके पर आकर हमने और ग्रामीणों के बयान लिए जल्द ही आगे की कार्रवाई के लिए अपने अधिकारियों को अवगत करवाया जाएगा.
सबसे बड़ा सवाल है कि ग्रामीण इलाकों में बच्चे आठवीं तक पढ़ लेते हैं लेकिन उन्हें अंग्रेजी के शब्दों के बारे में जानकारी तक नहीं होती जब हुआ दूसरी स्कूल में दाखिला लेते हैं तो उन बच्चों से कहा जाता है कि आपका लेवल सेकंड ईयर थर्ड क्लास का है.
आखिर सरकार शिक्षकों को तनख्वाह के नाम पर हजारों रुपए देती है बावजूद उसके यह शिक्षक महज खानापूर्ति के अलावा कुछ नहीं करते और इनका खामियाजा नन्हे-मुन्ने बच्चों को भुगतना पड़ता है. अब देखने वाली बात होगी कि सरकार इस मामले में क्या कार्रवाई करती है.