पांच साल पहले किसी ने साजिश कर परिवार रजिस्टर में उनको मृत घोषित कर दिया.
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आजमगढ़: 'नौकरशाह अब तक तो सिर्फ कफन का ही सौदा करते थे लेकिन अब जिंदों की भी कब्र खोदने लगने है'. कुछ ऐसा ही मोलनापुर गांव में रहने वाले राम मूरत प्रजापति के साथ हुआ है, जिसे जिंदा रहते ही कागज में मुर्दा करार कर दिया गया. अब वे खुद को जिंदा साबित करने लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं. पीड़ित ने डीएम को ज्ञापन सौंपकर न्याय की गुहार लगाई है.
राम मूरत प्रजापति के अनुसार पांच साल पहले किसी ने साजिश कर परिवार रजिस्टर में उनको मृत घोषित कर दिया. विवाद के चलते उन्होंने इसका शक अपनी बड़ी बहू पर जताया है. उन्हें इस साजिश का पता तब चला जब किसी ने उनके मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने की कोशिश की. इसके बाद से ही वे खुद को जिंदा साबित करने के लिए सेक्रेटरी और वीडीओ के दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं.
पीड़ित ने जिलाधिकारी नागेंद्र प्रसाद सिंह को ज्ञापन सौंपकर कागजों में जिंदा घोषित करने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की गुहार लगाई है. इस मामले में डीएम का कहना है कि मामला संज्ञान में है और सत्य है, इसकी जल्द-जल्द जांच कराकर उचित कार्रवाई की जाएगी.
वहीं मृतक संघ के अध्यक्ष लालबिहारी मृतक का कहना है कि जिंदों को मुर्दा और मुर्दे को जिंदा कर उनकी संपत्ति को हड़पने का खेल कोई नया नहीं है, इस तरह के सैकड़ों मामले सामने आ चुके हैं. लेकिन इसे रोकने के लिए न तो आजतक कोई कानून बना और ना ही ठोस कार्रवाई हुई. अन्य लोगों की तरह ही राम मूरत की लड़ाई भी वे लड़ेगे और उसे जिंदा साबित कराएंगे.
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