सीईए लेह-लद्दाख में विकसित कर रहा बिजली पारेषण का बुनियादी ढांचा
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सीईए लेह-लद्दाख में विकसित कर रहा बिजली पारेषण का बुनियादी ढांचा

सीईए के चेयरमैन पंकज बत्रा ने दी जानकारी.

(फाइल फोटो)

कोलकाता : केंद्रीय बिजली प्राधिकरण (सीईए) जम्मू-कश्मीर के लेह-लद्दाख क्षेत्र में सौर ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने के लिए बिजली पारेषण के लागत प्रभावी बुनियादी ढांचे को विकसित करने पर काम रहा है. सीईए के चेयरमैन पंकज बत्रा ने बताया कि इस क्षेत्र में बिजली पारेषण के लिए शून्यीकरण आधारित लागत प्रभावी बुनियादी ढांचा विकसित करने पर प्राधिकरण हितधारकों के साथ मिलकर करीब से काम कर रहा है.

उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में 35,000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन की क्षमता है. लेकिन इसके लिए ठेके दिए जाने से पहले इसके लिए एक लागत प्रभावी पारेषण प्रणाली विकसित करने की जरूरत है. इसे भूमिगत तारों के माध्यम से या हवाई मदद से ऊंचे टावर स्थापित करके किया जा सकता है.

जम्मू-कश्मीर सरकार ने पहले ही केंद्र सरकार के साथ लद्दाख में दो सौर पार्क स्थापित करने के लिए सहमति ज्ञापन पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं. इनकी कुल स्थापित क्षमता 7,500 मेगावाट होगी. वहीं वर्ष 2030 में बिजली प्रणाली की उपयुक्त लागत का निर्धारण कैसे किया जाए, इसके लिए केंद्रीय बिजली प्राधिकरण (सीईए) ने एक अध्ययन पर काम शुरू किया है. सीईए के चेयरमैन पंकज बत्रा के अनुसार इसकी रपट एक माह के भीतर आने की संभावना है.

बत्रा ने कहा, ‘‘हम यह तय करने के लिए काम कर रहे हैं कि 2030 में बिजली के लिए एक ‘आदर्श प्रणाली लागत’ क्या होनी चाहिए. इसकी रपट एक माह के भीतर आने की उम्मीद है.’’

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