राजस्थान में बनने वाली नकली शराब की होती थी गुजरात तक तस्करी, जानिए पूरा मामला
प्रदेश के गुजरात(Gujrat) राज्य की सीमा से लगा आदिवासी बहुल डूंगरपुर(Dungarpur) जिला शराब तस्करी(Wine Smuggling) के बाद अब नकली शराब बनाने को लेकर सुर्खियों में है.
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अखिलेश शर्मा, डूंगरपुर: प्रदेश के गुजरात(Gujrat) राज्य की सीमा से लगा आदिवासी बहुल डूंगरपुर(Dungarpur) जिला शराब तस्करी(Wine Smuggling) के बाद अब नकली शराब बनाने को लेकर सुर्खियों में है. डूंगरपुर(Dungarpur) जिले की आसपुर थाना पुलिस द्वारा गोल गांव में उपसरपंच के फार्म हाउस में नकली शराब की फैक्ट्री का खुलासा किया था. वहीं, मामले में पकड़े गए आरोपियों ने कई चौंकाने वाले खुलासे किये हैं.
बताया जा रहा है कि करीब एक साल से नकली शराब का पूरा गोरखधंधा चल रहा था. यहां आरोपी प्रतिदिन ढ़ाई लाख की शराब बनाते थे. यहां बनाई गई नकली शराब को राजस्थान के बांसवाडा(Banswara) व डूंगरपुर जिलों के साथ गुजरात राज्य में तस्करी की जाती थी.
शराब तस्करी का गढ़ माना जाता है डूंगरपुर
प्रदेश का आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिला शराब तस्करी का गढ़ माना जाता है. यहां से करोड़ों की अवैध शराब डूंगरपुर होकर गुजरात में भेजी जाती है. लेकिन इस बार डूंगरपुर जिला नकली शराब बनाने को लेकर सुर्खियों में है.
थाने से 900 मीटर की दूरी पर जारी था धंधा
डूंगरपुर जिले की आसपुर थाना पुलिस ने 12 अक्टूबर को थाने से महज 900 मीटर दूर स्थित एक फार्महाउस में दबिश देकर नकली शराब की फेक्ट्री का पर्दाफाश किया था. पुलिस ने यहां से नकली शराब के 75 कार्टन के साथ 310 लीटर नकली शराब ड्रमो में भरी हुई जब्त की थी. इसके अलावा पुलिस ने 300 लीटर स्प्रिट, शराब बनाने की मशीन, पेकिंग मशीन, खाली बोतल सहित अन्य सामग्री पकड़ी थी. इधर मामले में आरोपी तो मौके से फरार हो गए थे लेकिन बाद में पुलिस ने उपसरपंच के बेटे धर्मेन्द्र मेहता और उसके एक साथी नितिन जांगिड़ को गिरफ्तार कर लिया. इधर पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने कई खुलासे किए. आरोपियों ने इस पूरे गोरखधंधे में अपने और भी साथियों के नाम बताएं जिनकी पुलिस तलाश कर रही है.
2018 से चल रही थी नकली शराब बनाने की फैक्ट्री
इतना ही नहीं पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया की नकली शराब बनाने का ये पूरा खेल दिसंबर 2018 से चल रहा है. फार्महाउस में चल रही नकली शराब की फैक्ट्री में वे रोजाना ब्लेंडर प्राइड व रॉयल स्टेज व्हिस्की और अन्य ब्रांड की करीब 25 पेटी नकली शराब बनाई जाती थी. जिसकी कीमत करीब ढ़ाई लाख रुपए हुआ करती है.
उन्होंने बताया की वह 15 दिन शराब बनाने का काम करते थे वही शेष 15 दिनों में नकली शराब निर्माण के लिए सामग्री लाने की प्लानिंग व तैयारी चलती थी. जांच में सामने आया की आरोपी उदयपुर, मंगलवाड, डबोक, जयपुर और इंदौर से कच्चा मॉल रेपर, ढक्कन, कवर, बोतल व केमिकल लाते थे.
वहीं, आरोपियों ने बताया कि नकली शराब बनाने के बाद राजस्थान के बांसवाडा, आनंदपुरी, सागवाडा व गुजरात के अहमदाबाद, मौडासा में छोटी गाड़ियों में शराब की तस्करी की जाती थी. आरोपियों ने बताया की पिछले 10 माह में आरोपी 3 करोड़ की नकली शराब बनाकार बेच चुके हैं
फिलहाल आसपुर थाना पुलिस आरोपियों से पूछताछ करने के साथ अन्य आरोपियों की भी सरगर्मी से तलाश कर रही है. वहीं, पुलिस उन लोगों तक भी पहुंचने का प्रयास कर रही जहां से ये लोग कच्चा माल खरीदते थे और नकली शराब बेचा करते थे. इधर नकली शराब के गोरखधंधे का खुलासा कर आसपुर पुलिस वाह-वाही जरुर लूट रही है लेकिन पिछले 10 माह से ये पूरा खेल थाने से महज कुछ ही दूरी पर चल रहा था और पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी. ऐसे में ये पूरा खेल पुलिस के सूचना तंत्र पर भी सवालिया निशान खड़ा करता है.
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