जम्मू कश्मीर सचिवालय पर पहली बार 'एक निशान, एक विधान', शान से लहराया तिरंगा
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जम्मू कश्मीर सचिवालय पर पहली बार 'एक निशान, एक विधान', शान से लहराया तिरंगा

नए जम्मू कश्मीर की नई व्यवस्था में नागरिक सचिवालय मे 2 झंडों की जगह सिर्फ तिरंगा ही लहरा रहा था. राज्यपाल जगदीश चंद्र मुर्मू की गाड़ी पर तिरंगे के साथ अशोक की लाट भी थी. 

जम्मू कश्मीर सचिवालय पर पहली बार 'एक निशान, एक विधान', शान से लहराया तिरंगा

जम्मू: जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन के बाद नए सर्दियों की राजधानी जम्मू में नई व्यवस्था के बीच सोमवार (4 नवंबर) से सरकारी कामकाज शुरू हो गया है. 25 अक्टूबर को गर्मियों की राजधानी श्रीनगर में 6 महीने का अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद सिविल सचिवालय श्रीनगर में सरकारी दफ्तर बंद हो गए थे. तब जम्मू कश्मीर में गवर्नर सत्यपाल मालिक की अगुवाई में राष्ट्रपति शासन था. लेकिन 30-31 अक्टूबर की मध्यरात्रि से राज्य को 2 केंद्र शासित क्षेत्रों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांटकर इन्हें केंद्रीय शासित प्रदेश बना दिया गया है.

सोमवार (4 नवंबर) की सुबह जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल जगदीश चंद्र मुर्मू केंद्र शासित जम्मू कश्मीर की सर्दियो की राजधानी नागरिक सचिवालय में जब पहले दिन पहुंचे तो माहौल काफी कुछ बदला बदला सा था. नेताओं की गहमा-गहमी की जगह उनका स्वागत सचिवालय के कर्मचारियों समेत चीफ सेक्रेटरी और प्रशासनिक सचिवों और पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने किया. उपराज्यपाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया जिसकी कमांड महिला पुलिस अधिकारी कर रही थी.

नए जम्मू कश्मीर की नई व्यवस्था में नागरिक सचिवालय मे 2 झंडों की जगह सिर्फ तिरंगा ही लहरा रहा था. राज्यपाल जगदीश चंद्र मुर्मू की गाड़ी पर तिरंगे के साथ अशोक की लाट भी थी. जम्मू कश्मीर में विधानसभा भंग कर दी गई है इसलिए इसमें परिसीमिन आयोग के गठन के बाद जब चुनाब होंगे. तब नेताओ की हलचल दिखेगी लेकिन विधान परिषद का आस्तित्व अब समाप्त कर दिए जाने से उसका जिक्र एक संदर्भ बनकर रह गया है.

नए जम्मू कश्मीर कि नई व्यवस्था में आम लोगों के लिए खास प्रबंध है. आम जनता के लिए दोपहर 1 बजे से शाम साढ़े 4 बजे तक सरकार के दरवाजे खुले रहेंगे. लोग विजिटर पास बनवाकर संबंधित विभाग के अधिकारियों तक अपनी फरियाद पहुंचा सकेंगे. 

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