अपोलो अस्‍पताल में जयललिता के 'खाने' का बिल आया था 1.17 करोड़
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अपोलो अस्‍पताल में जयललिता के 'खाने' का बिल आया था 1.17 करोड़

एआईएडीएमके ने अयोग के समक्ष दावा किया कि उसने पार्टी फंड से धनराशि से करीब 6 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था. 

तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता (फाइल फोटो)

चेन्‍नई : तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता के निधन के दो साल बाद अपोलो अस्‍पताल द्वारा उनके 75 दिन तक चले उपचार का पूरा बिल मंगलवार को जस्टिस अरुमुघसामी आयोग के समक्ष पेश किया गया. अस्‍पताल के दावे में इस बिल में 6.86 करोड़ रुपये में से 44 लाख रुपये की राशि बकाया है, जिसमें 'खाद्य और पेय पदार्थ' के लिए 1.17 करोड़ रुपये शामिल हैं.

हालांकि एआईएडीएमके ने अयोग के समक्ष दावा किया कि उसने पार्टी फंड से धनराशि से करीब 6 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था. सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति ए अरुमुघस्वामी की अध्यक्षता में यह आयोग, जयललिता की मौत की परिस्थितियों की जांच कर रहा है. 

जयललिता को 22 सितंबर 2016 को अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था, जहां 75 दिनों तक चले उपचार के बाद 5 दिसंबर को उनकी मौत हो गई थी. 

ये भी पढ़ें- जयललिता मौत मामला : एम्स डॉक्टरों से पूछताछ करेगा जांच पैनल

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14 दिसंबर के बिल के मुताबिक, बिल की कुल राशि 6.86 करोड़ थी, जिसमें  'खाद्य और पेय पदार्थ' के लिए 1.17 करोड़ रुपये शामिल हैं, लेकिन अभी तक केवल 6.41 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया.

दरअसल, दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता का 2016 में अपोलो अस्पताल में 75 दिन तक चले उपचार का खर्च 6.86 करोड़ रुपये आया था. उनकी मौत की परिस्थितियों की जांच कर रहे एक पैनल को हाल ही में यह जानकारी दी गई, जो सोशल मीडिया में वायरल हो रही है.

एक पृष्ठ के सारांश में बताया गया है कि कुल बिल छह करोड़ और 85 लाख रुपये है और 44.56 लाख रुपया बकाया है. पांच दिसंबर 2016 को जयललिता की मौत के कुछ महीनों के बाद 15 जून 2017 को सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक द्वारा छह करोड़ रुपये का भुगतान दिखाया गया है. 13 अक्टूबर 2016 को अस्तपाल को 41.13 लाख रूपये दिये जाने का उल्लेख है. हालांकि इसमें यह उल्लेख नहीं है कि इस राशि का भुगतान किसने किया.

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