अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगने वाले 508 गांवों के करीब 3 लाख लोग पिछले 70 सालों से सरकारी नौकरियों और कॉलेजों में आरक्षण की मांग कर रहे थे. एक लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार सरकार ने उनकी बात सुन ली और उन्हें शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण का तोहफा दे दिया.
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श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) ने पाकिस्तान (Indo-Pak Border) के साथ लगती 192 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे गांववासियों को सरकारी नौकरियों और प्रोफेशनल कॉलेज में दाखिले के दौरान 4% आरक्षण देने का फैसला लिया है. सरकार ने अधिसूचना जारी करते हुए इसकी पुष्टि की है. बता दें कि इससे पहले ये छूट सिर्फ नियंत्रण रेखा के पास रहने वाले लोगों को मिलती थी.
बताते चलें कि अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगने वाले 508 गांवों के करीब 3 लाख लोग पिछले 70 सालों से सरकारी नौकरियों और कॉलेजों में आरक्षण की मांग कर रहे थे. एक लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार सरकार ने उनकी बात सुन ली और उन्हें शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण का तोहफा दे दिया. ये तोहफा सरकार ने ऐसे समय पर दिया है जब बॉडर्र के लोग धारा 370 और 35A हटने के बाद जम्मू-कश्मीर की पहली सालगिरह मनाने की तैयारी कर रहे थे.
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इस बीच हुई आरक्षण की घोषणा सुनकर लोगों की खुशी का ठिकाना ना रहा और लोग नाचते, गाते और मिठाईयां बांटते एकदूसरे को बधाई देने लगे और सरकार के फैसले का स्वागत किया. LoC की तर्ज पर ये आरक्षण जम्मू के 293 गांव, साम्बा के 142 गांव और कठुआ के 73 गांवों के उन नागरिकों को मिलेगा जो पाकिस्तान बॉर्डर से 0 से 6 किलोमीटर के दायरे में रहते हैं. इस समय जम्मू-कश्मीर में चतुर्थ श्रेणी की 10 हजार और पंचायत अकाउंट असिस्टेंट के लगभग 2 हजार पद भरे जाने हैं. इसके अलावा, पुलिस की भर्तियों में भी इन गांवों के युवाओं को आरक्षण से लाभ मिलेगा.
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