भाजपा की जम्मू कश्मीर इकाई की वेबसाइट हैक, कठुआ की पीड़ित बच्ची के लिए न्याय की मांग
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भाजपा की जम्मू कश्मीर इकाई की वेबसाइट हैक, कठुआ की पीड़ित बच्ची के लिए न्याय की मांग

कठुआ में जनवरी में एक बच्ची की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी.

वेबसाइट को कुछ समय बाद बहाल कर दिया गया. (वेबसाइट स्क्रीनशॉट)

जम्मू: भारतीय जनता पार्टी की जम्मू कश्मीर इकाई की वेबसाइट गुरुवार (19 अप्रैल) को कुछ समय के लिए हैक कर ली गई और हैकरों ने एक संदेश पोस्ट करके कठुआ की पीड़ित बच्ची के लिए न्याय की मांग की. कठुआ में जनवरी में एक बच्ची की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी. वेबसाइट को कुछ समय बाद बहाल कर दिया गया. हैकरों ने खुद को ‘टीम केरल साइबर वॉरियर्स’ बताया. उन्होंने पोस्ट किये गये संदेश में भाजपा की राज्य इकाई पर ‘बच्चों का यौन शोषण करने वाले एक गिरोह’ को बचाने का आरोप लगाया.

  1. हैकरों ने खुद को ‘टीम केरल साइबर वॉरियर्स’ बताया.
  2. हैकरों ने कहा कि मानवता से बढ़कर कुछ भी नहीं होना चाहिए.
  3. हैकरों ने मांग की कि बलात्कारियों को फांसी दी जानी चाहिए.

संदेश में भारतीय ध्वज तिरंगे का इस्तेमाल करने वाले हैकरों ने कहा कि मानवता से बढ़कर कुछ भी नहीं होना चाहिए और ‘भेदभाव को सहन नहीं किया जा सकता है.’ हैकरों ने मांग की कि बलात्कारियों को फांसी दी जानी चाहिए.

भाजपा की जम्मू कश्मीर इकाई के महासचिव अशोक कौल ने कहा कि वेबसाइट को कुछ समय के लिए हैक कर लिया गया था और ‘अब उसे बहाल’ कर दिया गया है. उन्होंने कहा,‘हां, हम पुलिस के समक्ष एक शिकायत दर्ज करेंगे. ऐसा प्रतीत होता है कि हैकिंग के लिए उत्तरी केरल से कोई जिम्मेदार है. आखिरकार , केरल की स्थिति किसी से भी छिपी नहीं है.’ कौल ने कहा कि जम्मू में तनाव पैदा करने का यह एक और प्रयास है.

कठुआ बलात्कार मामले में भाजपा के दो मंत्रियों का इस्तीफा
कठुआ बलात्कार मामले के सिलसिले में जम्मू कश्मीर की अपराध शाखा द्वारा गिरफ्तार किये गये आठ आरोपियों के पक्ष में एक रैली आयोजित करने वाले हिन्दू एकता मंच से भाजपा ने खुद को दूर रखा था. पार्टी ने रैली में हिस्सा लेने वाले राज्य के अपने दो मंत्रियों लाल सिंह और चन्द्र प्रकाश गंगा को मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के लिए कहा था. भाजपा ने हिन्दू एकता मंच से संबंध पाये जाने पर राज्य इकाई के सचिव को भी हटा दिया था.

पीएम मोदी ने कहा था, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा
गौरतलब है कि कठुआ की आठ साल की बच्ची का 10 जनवरी को अपहरण कर लिया गया था. बच्ची को एक मंदिर में बंधक बनाकर रखा गया. इस दौरान उसे भूखा रखा गया और नशीली दवाइयां दी गई और बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया. इसके बाद बच्ची की हत्या कर दी गई. बच्ची का शव 17 जनवरी को रसाना गांव के जंगल से मिला था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 13 अप्रैल को इस घटना की निंदा करते हुए कहा था कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. इस मामले में हेड कांस्टेबल, एक सब-इंस्पेक्टर, दो विशेष पुलिस अधिकारी सहित आठ लोग गिरफ्तार किए गए और उनमें से सात के खिलाफ आरोप दायर किया गया है.

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