नई दिल्ली: जोधपुर की नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (NLU) के छात्र की संदिग्ध मौत की सीबीआई जांच की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. मृतक छात्र की मां ने राजस्थान पुलिस की जांच पर अविश्वास जताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. राजस्थान पुलिस ने मौत का कारण आत्महत्या बताया था. 


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14 अगस्त 2017 को रेल की पटरियों पर मिली था छात्र का शव 
जानकारी के मुताबिक NLU के पांचवें सेमेस्टर में पढ़ने वाला विक्रांत नागैच 13 अगस्त 2017 को विश्वविद्यालय से बाहर गया था, लेकिन वापस नहीं लौटा. अगले दिन उसका शव यूनिवर्सिटी के सामने रेल की पटरियों पर मृत अवस्था में मिला. इस मामले में पुलिस ने 10 महीने तक केस दर्ज नहीं किया. काफी धक्के खाने के बाद जून 2018 में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया.


केस दर्ज होने के बावजूद पुलिस ने 8 महीने तक जांच नहीं की
केस दर्ज होने के बावजूद राजस्थान पुलिस ने 8 महीने तक जांच नहीं की. इस पर मृतक छात्र के पिता कर्नल जयंत कुमार (रिटायर्ड) ने एसआईटी जांच को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर की. कोर्ट के सामने पुलिस ने मामले को आत्महत्या बताया. जिसके बाद कोर्ट ने याचिका निस्तारित कर दी थी. इसके बाद छात्र की मां नीतू ने सुप्रीम कोर्ट में क्रिमिनल रिट पिटीशन दाखिल की. मां ने कहा कि उसके बेटे के शव पर चोट के निशान थे लेकिन इसके बावजूद पुलिस ने उसके बेटे की मौत को आत्महत्या बता दिया. 


मां ने की मामले की सीबीआई जांच की मांग
मां ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि बेटे की मौत के दस महीने बाद तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई और 3 साल बीतने के बाद भी चार्जशीट पेश नहीं की गई. मां ने मांग की कि उनके बेटे की मौत की सीबीआई या एसआईटी से जांच करवाई जाई. सुप्रीम कोर्ट ने जून में हुई सुनवाई में राजस्थान पुलिस से जांच कर दो महीने में रिपोर्ट सबमिट करने का आदेश दिया था. अब सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई पूरी कर अपना आदेश रिजर्व कर लिया है. 


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