राजस्थान के सियासी घटनाक्रम के बीच राज्यपाल कलराज मिश्र ने Zee News के एडिटर-इन-चीफ सुधीर चौधरी के साथ खास बातचीत में कहा कि मुझ पर किसी का दबाव नहीं है.
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नई दिल्ली: राजस्थान के सियासी घटनाक्रम के बीच राज्यपाल कलराज मिश्र ने Zee News के एडिटर-इन-चीफ सुधीर चौधरी के साथ खास बातचीत में कहा कि मुझ पर किसी का दबाव नहीं है. मेरे लिए संविधान सबसे ऊपर है. कांग्रेस की तरफ से जल्द विधानसभा सत्र बुलाए जाने की मांग के दौरान पिछले दिनों जब राजभवन में कांग्रेस विधायकों ने प्रदर्शन किया, इस पर उन्होंने कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों का प्रदर्शन ठीक नहीं है.
विधानसभा सत्र को जल्द बुलाने की कांग्रेस की मांग पर उन्होंने कहा कि मैंने संविधान के अनुरूप काम किया. मैंने उनसे पूछा कि अल्प नोटिस की मांग पर जल्द विधानसभा क्यों बुलाना चाहते हैं? इसका एजेंडा क्या है? लेकिन मुख्यमंत्री ने जब पत्र भेजा तो हमारी अपेक्षा थी कि हमारे पास जो प्रस्ताव आएगा उसमें विश्वास मत की बात होगी. कारण नहीं बताया गया कि विधानसभा सत्र क्यों बुलाया जाए. मूल प्रावधान के परे हटकर काम नहीं कर सकते. संविधान के अनुरूप कम से कम 21 दिन के नोटिस पर सत्र बुलाए जाने का प्रावधान है. इसलिए जब 31 जुलाई के बाद 14 अगस्त को सत्र बुलाने के लिए सरकार ने आग्रह किया तो हमने स्वीकार कर लिया.
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कलराज मिश्र ने कहा कि मैंने भी संविधान पढ़ा है. ऐसी परिस्थिति में मुझे लगा कि मुझे अपने अधिकारों का इस्तेमाल करना चाहिए. इन परिस्थितियों के बावजूद जब सत्र आहूत करने का प्रस्ताव दिया गया तो कोरोना संकट कारण बताया गया. एजेंडा नहीं मिला कि विश्वास मत हासिल करना चाहते हैं. हालांकि अगर वो कहते कि विश्वास मत हासिल करना चाहते हैं तो दिन-तीन दिनों में सत्र को आहूत करने के लिए व्यवस्था की जा सकती थी लेकिन ऐसा उन्होंने आज तक नहीं कहा. ऐसे में जब सामान्य ढंग से सदन को आहूत करने का प्रस्ताव है तो उसके हिसाब से 21 दिन का नोटिस देकर बुला सकते हैं. लिहाजा संवैधानिक प्रक्रिया का पालन किया और उसके अनुरूप 14 अगस्त को सदन बुलाने का प्रस्ताव मंजूर किया. संविधान के मूल प्रावधान से अलग हटकर काम नहीं किया जा सकता.
होटल से चल रही सरकार
कलराज मिश्र ने कहा कि मौजूदा राजनीतिक गतिरोध के बीच सचिन पायलट के गुट से किसी ने संपर्क नहीं किया. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मेरे संबंध अच्छे हैं. संविधान की धारा के विपरीत कोई काम नहीं किया. गहलोत सरकार ने फैसला किया है कि जब तक 14 अगस्त से विधानसभा का सत्र नहीं शुरू हो जाता तब तक सभी विधायक होटल में रुकेंगे, क्या कोरोना काल के मद्देनजर इससे सरकार के कामकाज पर सवाल नहीं खड़े होते? इस सवाल के जवाब में राज्यपाल ने कहा कि कोरोना को लेकर सीएम से बात की. मुख्यमंत्री संवेदनशील हैं. उन्होंने कोरोना को रोकने के लिए महत्वपूर्ण काम किया. अभी भी कर रहे हैं लेकिन लोगों को लगता है कि सरकार होटल से चल रही है.