''अधिकतर स्वयंसेवक ड्राइवर, एसी का रखरखाव करने वाले कर्मचारी, कार्यालय सहायक और अन्य नियमित नौकरी करने वाले कर्मी हैं. इन स्वयंसेवकों में कारोबारी और पेशेवर कर्मी भी हैं.''
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दुबई: रमजान के पाक महीने में रोजेदारों को इफ्तार करना बहुत ही सबब का काम माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस पाक महीने में जो भी जरूरतमंदों की मदद करता है या उन्हें इफ्तार कराता है उस पर अल्लाह की रहमत बरसती है. ऐसा ही कुछ इन दिनों संयुक्त अरब अमीरात के दुबई में भी देखने को मिल रहा है, जहां केरल मुस्लिम केंद्र विभिन्न तबकों के 2500 से ज्यादा लोगों को रोजाना इफ्तार करा रहा है.
''गल्फ न्यूज'' ने खबर दी है कि इतने लोगों को इफ्तार करने के लिए व्यवस्था बनाने और इफ्तारी का ठीक से वितरण करने के लिए 210 स्वयंसेवकों के समूह को सात दलों में विभाजित किया गया है. केरल मुस्लिम सांस्कृतिक केंद्र के अध्यक्ष इब्राहीम इलेत्तिल ने बताया, ''अधिकतर स्वयंसेवक ड्राइवर, एसी का रखरखाव करने वाले कर्मचारी, कार्यालय सहायक और अन्य नियमित नौकरी करने वाले कर्मी हैं. इन स्वयंसेवकों में कारोबारी और पेशेवर कर्मी भी हैं.''
यहां पर ग़रीब बच्चे सिर्फ पानी पीकर करते हैं अपना रोज़ा इफ्तार.....लेकिन इबादत में नहीं है कोई कमी
उन्होंने बताया कि जब 2012 में हमने सामुदायिक इफ्तार शुरू किया था तो हम सिर्फ 1500 लोगों को इफ्तार कराते थे. बाद में इफ्तार के लिए आने वाले लोगों की संख्या बढ़ गई. औसतन हम 2550 लोगों को इफ्तार कराते हैं. उन्होंने बताया कि दिव्यांग व्यक्ति भी हमारी टीमों का हिस्सा हैं. गौरतलब है कि रमज़ान के महीने में दुनियाभर के मुसलमान रोज़ा रखते हैं और सूरज डूबने पर रोज़ा (व्रत) खोलते हैं. इसे इफ्तार कहते हैं. इफ्तार के भोजन को इफ्तारी कहते हैं. (इनपुटः भाषा)