भगवान अयप्पा मंदिर का गर्भगृह सोमवार सुबह खुला जहां बेहद कम संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे.
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सबरीमला (केरल) : केंद्रीय मंत्री केजे अल्फोन्स ने सबरीमाला मंदिर परिसर को ‘‘युद्ध क्षेत्र बनाने’’ और मंदिर में सुविधाओं की कमी के लिए केरल सरकार की सोमवार को कड़ी आलोचना की. इस बीच, पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे 68 लोगों को तड़के मंदिर परिसर से हिरासत में लिया.
लोगों को हिरासत में लेने के खिलाफ पूरे केरल में प्रदर्शन हो रहे हैं. वहीं, भाजपा ने पुलिस की इस कार्रवाई की न्यायिक जांच की मांग भी की है. भगवान अयप्पा मंदिर का गर्भगृह सोमवार सुबह खुला जहां बेहद कम संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे. पुलिस से जुड़े सूत्रों ने बताया कि आज तड़के मंदिर परिसर से 68 लोगों को एहतियातन हिरासत में लेकर उन्हें मनियार शिविर लाया गया. उनसे जुड़ी जानकारी का सत्यापन किया जा रहा है और उनकी गिरफ्तारी अभी नहीं हुई है.
सोमवार सुबह निलाक्कल आधार शिविर पहुंचे अल्फोन्स ने कहा, ‘‘राज्य सरकार ने मंदिर परिसर को युद्ध श्रेत्र में बदल दिया. श्रद्धालु कोई आतंकवादी नहीं हैं, वे बस तीर्थयात्री हैं.’’ उन्होंने पूछा, ‘‘सबरीमला में धारा 144 लगाने की क्या आवश्यकता है?’’ मंत्री ने कहा कि मंदिर परिसर में बुनियादी सुविधाओं की कमी है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने सबरीमला में बुनियादी सुविधाओं के लिए 100 करोड़ रुपए मुहैया कराए हैं.
सबरीमाला में रविवार को ‘‘नाम जापम‘‘ (भगवान अयप्पा का नाम जाप) करते हुए सैकड़ों श्रद्धालुओं के प्रदर्शन करने के मद्देनजर मंत्री यहां पहुंचे. दो महीने तक चलने वाली तीर्थयात्रा के दूसरे दिन ‘सन्निधानम’ के दौरान श्रद्धालुओं ने प्रदर्शन किया, जिस दौरान 68 लोगों को हिरासत में लिया गया. सबरीमला मंदिर में इस तरह की घटना पहली बार देखने को मिली है.
इसके बाद भाजपा और आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के आवास पर भी प्रदर्शन किया. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पी. एस. श्रीधरन पिल्लई ने गिरफ्तारी को ‘‘क्रूर’’ करार देते हुए कहा कि उनकी पार्टी मामले में न्यायिक जांच चाहती है.