नवरात्र पर्व (Navratri Festival) के दौरान यहां एक तपस्वी की तपस्या का अनूठा नजारा भी लोगों की आस्था और श्रद्धा का केंद्र बना हुआ है.
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हनुमान तंवर, डीडवाना: डीडवाना (Deedwana)शहर आध्यात्मिक शहर (Spritual City) के रूप में पहचान रखता है. यही वजह है कि इस देवभूमि की पहचान आभानगरी के रूप में जानी जाती है. नवरात्र पर्व (Navratri Festival) के दौरान यहां एक तपस्वी की तपस्या का अनूठा नजारा भी लोगों की आस्था और श्रद्धा का केंद्र बना हुआ है. सन्यासी विश्व शांति और जनकल्याण के लिए आठ दिन से तपस्या में तल्लीन हैं.
डीडवाना के नृसिंह मंदिर बगीची में रहने वाले सन्यासी चेतननाथ नवरात्र के पहले दिन से विश्व शांति और जनकल्याण के लिए देवी मां की अनूठी भक्ति में लीन है और जमीन पर एक ही मुद्रा में स्थिर है. इस दौरान इस संत ने आठ दिन से करवट भी नहीं बदली. बाकी दिनचर्या के नित्यकर्म भी सन्यासी ने इस दौरान त्याग दिए है. खास बात यह भी है कि अब तक किसी भी तरह का अन्न जल भी नही लिया और तपस्या में लीन हैं.
सबसे अनोखी बात चेतननाथ के शरीर के चारो ओर सीने पर देवी मां के ज्वारे भी उगाए गए है जो आठ दिन में बड़े बड़े हो गए है. सन्यासी की इस अनूठी भक्ति और तपस्या के चर्चे शहर भर में देखे जा रहे हैं. स्थानीय लोग श्रद्धा से यहां तपस्वी के दर्शनार्थ पहुंच रहे हैं. यहां मंदिर में नित्य हवन का भी आयोजन किया जाता है.
स्वामी चेतननाथ के शिष्य ने बताया कि विश्व शांति और जनकल्याण के लिए ही यह सब किया जा रहा है. संत के दर्शन के लिए आई श्रद्धालु पुष्पा चौधरी ने बताया कि - नाथ जी के बारे में हमने अखबार में पढ़ा था. उन्होंने बताया कि वो पहली बार अपने पति के साथ यहां आईं थी. प्रथम बार भी फर्स्ट नवरात्र में तो इन्होने बताया की यहां कठोर तपस्या कर रहे है.