वैट रेट के खिलाफ राजस्थान के 4 हजार पेट्रोल पंप बंद, जानिए क्या हुआ असर!
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वैट रेट के खिलाफ राजस्थान के 4 हजार पेट्रोल पंप बंद, जानिए क्या हुआ असर!

पेट्रोल और डीजल पर दूसरे राज्यों के बराबर वैट की दर करने और राज्य में ही समान रेट करने की मांग को लेकर पेट्रोल पंप संचालक एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल पर हैं.

सांकेतिक हडताल कल सुबह 6 बजे तक जारी रहेगी. (फाइल फोटो)

जयपुर: राजस्थान(Rajasthan) में पेट्रोल और डीजल पर दूसरे राज्यों के बराबर वैट की दर(VAT Rate on Petrol and Diesel) करने और राज्य में ही समान रेट करने की मांग को लेकर पेट्रोल पंप संचालक एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल पर हैं. हड़ताल से एक दिन में करीब 40 करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ है. 

बुधवार सुबह 6 बजे से शुरू हुई सांकेतिक हडताल कल सुबह 6 बजे तक जारी रहेगी. इस दौरान ना ही पेट्रोल डीजल खरीदा जा रहा है और ना ही बेचा जा रहा है. इस हड़ताल से आमजन भी खासा परेशान नजर आया. लोग पेट्रोल पंपों पर तो पहुंचे लेकिन बंद होने के कारण उन्हें वापस लौटना पड़ा. उधर कंपनी के कोको पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल और डीजल की ब्रिकी जारी रही.

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(फाइल फोटो)

राजस्थान में दूसरे राज्यों से पेट्रोल और डीजल पर वैट ज्यादा होने का खामियाजा आमजन, पेट्रोल पंप संचालक के साथ राज्य सरकार को भी उठाना पड़ रहा है. वैट ज्यादा होने से आम जनता को तो पेट्रोल और डीजल महंगा मिल ही रहा है साथ ही डीजल की खपत कम होने से सरकार के राजस्व को भी करोडों का नुकसान हो रहा है. सीमावर्ती जिलों में पड़ोसी राज्यों से तस्करी धड़ल्ले से हो रही है और हमारे यहां डीजल की बिक्री घट रही है.

राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के आह्वान पर प्रदेशभर में करीब 4 हजार पेट्रोल पंपों बंद रहने के साथ नो सेल नो परचेज रहा. हालांकि तेल कंपनियों के अधिकारियों ने पेट्रोल पंप डीलर्स पर पंप खोलने के लिए लगातार दबाव बनाने की कोशिश की. जिसके बाद कार्रवाई के डर से कुछ जगहों पर पेट्रोल पंप संचालकों ने पंप खोले और ब्रिकी की. बाद में एसोसिएशन के पदाधिकारियों के दखल के बाद दोबारा पेट्रोल पंपों को बंद करवाया गया. पेट्रोल पंप संचालकों की हड़ताल से आम जनता को परेशान होना पड़ा. जो लोग हर रोज़ अपने काम पर निकलते हैं और उसी समय अपनी गाड़ी में पेट्रोल भरवातें हैं उनको सबसे ज्यादा आज दिक्कतों का सामना करना पडा. जब वे पेट्रोल पंप पर गाडी में फ्यूल भरवाने पहुंचे तो उन्हें निराशा हाथ लगी.

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राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनीत बगई ने बताया की राज्य सरकार तक पूरा प्रजेंटेंशन दिया गया. जिसमें उपभोक्ताओं के साथ पेट्रोल पंप संचालकों और राज्य सरकार को हो रहे राजस्व नुकसान की जानकारी दी गई. लेकिन सरकार की तरफ से कोई संतुष्ट जबाव नहीं मिलने पर सांकेतिक हडताल का निर्णय लेना पडा है.

आपको बता दें कि राजस्थान में पेट्रोल पर 30 फीसदी और डीजल पर 22 फीसदी वैट होने से दूसरे राज्यों के मुकाबले फ्यूल महंगा मिल रहा है. अन्य राज्यों से आने वाले और हमारे यहां से अन्य राज्यों में जाने वाले वाहन चालक पेट्रोल डीजल पड़ोसी राज्यों से भरवाते हैं. इसका दुष्प्रभाव पड़ोसी राज्यों से लगते जिले में ज्यादा पड़ रहा है. इससे पेट्रोल पंप डीलर के नुकसान के साथ-साथ राज्य सरकार को करीब चार माह में 128 करोड़ रुपए राजस्व का नुकसान भी हो रहा है. पड़ोसी राज्यों के पेट्रोल और डीजल के मूल्यों की तुलना करें तो राजस्थान में पेट्रोल और डीजल 5  से 7 रूपए अधिक है.

पड़ोसी राज्य पंजाब, हरियाणा, यूपी, गुजरात और दिल्ली के एक पंप की ब्रिकी हमारे राज्य के 20 पंपों के बराबर हो गई है. प्रतिदिन लाखों लीटर डीजल तस्करी के माध्यम से पड़ोसी राज्यों से हमारे राज्य में आ रहा है. सरकार द्वारा पेट्रोल डीजल पर 4 फीसदी वैट बढ़ाने से प्रदेश में पेट्रोल डीजल की बिक्री प्रभावित हुई है.

भले ही पेट्रोल पंप बंद रहने से आम लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा. लेकिन पेट्रोल पंप संचालकों की मांग आम लोगों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकती है.

दरअसल इनकी मांग है कि दूसरे राज्यों के बराबर राजस्थान में भी वैट की दर की जाए. अगर सरकार इस मांग को मान लेती है, तो इसका सबसे ज्‍यादा फायदा आम लोगों को मिलेगा.

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